उत्तराखण्ड

बाबा की अंतिम इच्छा के अनुसार अभिजीत मुहूर्त में 11 बजकर 55 मिनट पर दी जाएगी समाधि

हरिद्वार। श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा के महामडंलेश्वर ब्रह्मलीन संत पायलट बाबा का पार्थिव शरीर बुधवार को हरिद्वार के कनखल स्थित उनके आश्रम में लाया गया।

श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि ने बताया कि गुरुवार को श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरि गिरि के दिशा-निर्देशन एवं अभिजीत मुहूर्त में 11 बजकर 55 मिनट पर ब्रह्मलीन संत पायलट बाबा को उनके कनखल स्थित आश्रम में भू-समाधि दी जाएगी। यही उनकी अंतिम इच्छा थी। पायलट बाबा मंगलवार को मुंबई के एक निजी अस्पताल में ब्रह्मलीन हो गए थे।

पायलट बाबा के ब्रह्मलीन होने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री की ओर से हरिद्वार के जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल और एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने महामंडलेश्वर पायलट बाबा को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान प्रशासन व पुलिस के कई अन्य अधिकारियों ने भी पायलट बाबा को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

पायलट बाबा को अर्पित किए श्रद्धासुमन

ब्रह्मलीन पायलट बाबा के पार्थिव शरीर को बुधवार को ध्यान की अवस्था में उनके कनखल स्थित आश्रम में लाया गया। वहां एक-एक कर सभी ने उन्हें पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

श्रद्धांजलि अर्पित करने वाले प्रमुख संतों में श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरि गिरि, जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेम गिरि, जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि, जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय सचिव श्रीमहंत महेश पुरी, सचिव श्रीमहंत शैलेंद्र गिरि, सचिव सहजानंद गिरि, थानापति धर्मेंद्र गिरि, प्रेमानंद गिरि, साध्वी चेतनानंद गिरि व साध्वी श्रद्धा गिरि समेत हजारों की संख्या में साधु-संत व गणमान्य लोग शामिल थे।

पायलट बाबा ने भू-समाधि के लिए स्वयं किया था स्थान चयन

संत पायलट बाबा ने ब्रह्मलीन होने से पूर्व ही अपने लिए भू-समाधि स्थल का चयन कर लिया था। यह स्थान उनके कनखल स्थित आश्रम में गेट के पास है। यहां पायलट बाबा के मंदिर का निर्माण भी हो रहा है। आश्रम प्रबंधन से जुड़े डा. दुष्यंत ने बताया कि बाबा से ब्रह्मलीन होने से पहले ही इस स्थान का चयन कर उन्हें यहीं भू-समाधि दिए जाने की इच्छा व्यक्त की थी।

पायलट बाबा के निधन पर संत समाज ने जताया शोक

जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर पायलट बाबा के निधन पर संत समाज में शोक की लहर है। आवाहन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अरुण गिरी महाराज ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि वह संत समाज की दिव्य विभूति थे।

कहा कि ब्रह्मलीन पायलट बाबा ने भारतीय वायु सेना में विंग कमांडर के पद पर रहते हुए 1962, 1965 और 1971 के युद्ध में भाग लिया और देश सेवा में योगदान दिया। इसके बाद संन्यास धारण कर धर्म संस्कृति के संरक्षण में योगदान दिया। देश सेवा और सनातन धर्म संस्कृति को देश विदेश में प्रचारित प्रसारित करने में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा।

श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज ने कहा कि संत समाज ने देश और धर्म सेवा में सदैव अग्रणी भूमिका निभायी है। ब्रह्मलीन पायलट बाबा इसकी मिसाल हैं। महामंडलेश्वर स्वामी अर्जुन पुरी महाराज ने कहा कि पायलट बाबा के निधन से संत समाज को जो क्षति हुई है। उसे कभी पूरा नहीं किया जा सकेगा। बाघम्बरी गद्दी के महंत बलवीर गिरी ने कहा कि ब्रह्मलीन पायलेट बाबा के दिखाए मार्ग पर चलना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है।

महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद, स्वामी ऋषि रामकृष्ण, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी कपिल मुनि, महंत जसविंदर सिंह, महंत रूपेंद्र प्रकाश, महंत प्रबोधानंद गिरी, स्वामी ऋषिश्वरानंद, महंत रघुवीर दास, महंत बिहारी शरण ने भी उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए।

देश और धर्म की सेवा में पायलट बाबा का अहम योगदान : रविंद्र पुरी

पायलेट बाबा के निधन पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद सहित तमाम अखाड़ों के संतों ने शोक जताया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद व मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन पायलट बाबा विलक्षण संत थे।

सनातन धर्म संस्कृति की पताका को पूरे विश्व में फहराने में उनका अहम योगदान रहा। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना में विंग कमांडर और इसके बाद संन्यासी के रूप में देश और धर्म सेवा में पायलट बाबा की भूमिका सभी के लिए प्रेरणादायी है।

अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि, जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेमगिरी महाराज ने कहा कि धर्म और समाज को सर्वस्व अर्पण करने वाले ब्रह्मलीन पायलट बाबा का त्याग और तपस्या से परिपूर्ण जीवन हमेशा सभी को मानव कल्याण की प्रेरणा देता रहेगा।

महंत शैलेंद्र गिरी, महंत महाकाल गिरी, श्रीमहंत नारायण गिरी, महंत महेश पुरी, महंत शिव गिरी, श्रीमहंत रामरतन गिरी, महामंडलेश्वर हरिभारती, महंत अलख जति आदि संतों ने भी ब्रह्मलीन पायलट बाबा को श्रद्धांजलि दी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button