उत्तराखण्ड

चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले सभी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली जाएं- मुख्यमंत्री

चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले सभी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली जाएं- मुख्यमंत्री

 

*विभागीय सचिव यात्रा व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण करें।*

 

*मुख्य सचिव प्रत्येक सप्ताह चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं की करेंगी बैठक।*

 

*डीजीपी चारधाम यात्रा का स्थलीय निरीक्षण कर पुलिस और कानून व्यवस्थाओं का लेंगे जायजा।*

 

*बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए चारधाम यात्रा मार्ग पर जग्ह-जगह प्राईवेट हेल्थकेयर टेस्टिंग किट की होगी व्यवस्था।*

 

देहरादून

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियों की बैठक लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले यात्रा मार्गों पर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। चारधाम यात्रा से जुड़े सभी विभागों के सचिव यात्रा मार्गों का स्थलीय निरीक्षण कर सभी व्यवस्थाएं समय पर पूर्ण कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा की सभी तैयारियों को लेकर साप्ताहिक समीक्षा बैठक की जाए। चारधाम यात्रा में यातायात प्रबंधन और कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए डीजीपी को भी चारधाम यात्रा से पूर्व स्थलीय निरीक्षण के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं। बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए चारधाम यात्रा मार्ग पर जग्ह-जगह प्राईवेट हेल्थकेयर टेस्टिंग किट की व्यवस्था की जायेगी।

 

*चारधाम यात्रा मार्गों पर प्लास्टिक और कूड़ा प्रबंधन के लिए बेहतर व्यवस्थाएं की जाएं।*

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की चारधाम यात्रा देश-दुनिया के श्रद्धालुओं के लिए आस्था के प्रमुख केन्द्र हैं। यह सुनिश्चित किया जाए कि देवभूमि उत्तराखण्ड का अच्छा संदेश देश और दुनिया तक जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि यात्रा मार्गों में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। प्लास्टिक और कूड़ा प्रबंधन के लिए चारधाम यात्रा से जुड़े जनपदों के जिलाधिकारियों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा धनराशि उपलब्ध कराई जाए।

 

*घोड़े और खच्चर चालकों का किया जायेगा वेरिफिकेशन ।*

 

चारधाम यात्रा के लिए घोड़ा और खच्चर चालकों का वेरिफिकेशन कराया जाए। तथा सभी का पुलिस और आपराधिक रिकॉर्ड चेक कर लिया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि जो भी घोड़े और खच्चर चारधाम यात्रा में लगाये जाएं उनका स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ही पंजीकरण किया जाए। घोड़े और खच्चरों के लिए गर्म पानी की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाय।

 

*चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं से शालीनतापूर्ण व्यवहार किया जाए।*

 

मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा मार्गों पर विद्युत, पेयजल और सड़कों की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। यात्रा मार्गों पर जगह-जगह बने शौचालयों को दुरस्त किया जाए एवं महिलाओं के लिए पृथक शौचालय की व्यवस्था की जाए। चारधाम यात्रा से जुड़े सभी अधिकारी और कर्मचारी शालीनता एवं सहनशीलता का परिचय दें, यह सुनिश्चित किया जाए कि श्रद्धालुओं के साथ अभद्रता न हो। यात्रा ड्यूटी में तैनात सुरक्षाकर्मी अलर्ट मोड पर रहें। यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रत्येक छह घंटे के बाद सुरक्षा में तैनात कर्मियों को आराम दिया जाए। यात्रा में आने वाले वाहन चालकों के रहने और सोने की उचित व्यवस्था की जाए। यह भी प्रयास हो कि चारधाम यात्रा में जाने वाले वाहनों में दो-दो वाहन चालकों की व्यवस्था हो। वाहनों की फिटनेस का विशेष ध्यान रखा जाए।

 

*चारधाम यात्रा के दृष्टिगत श्रद्धालुओं को आवश्यक सूचनाएं समय पर मिल सके, इसके लिए सूचना तंत्र मजबूत किया जाए।*

 

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा के कुशल प्रबंधन के लिए सभी विभाग अलर्ट मोड पर रहें। श्रद्धालुओं को मौसम से संबंधित जानकारी, यातायात प्रबंधन और अन्य व्यवस्थाओं की जानकारी समय पर प्राप्त हो, इसके लिए श्रद्धालुओं को आवश्यक सूचनाएं ससमय प्राप्त हो इसके लिए सोशल मीडिया का बेहतर प्रयोग किया जाए। होटल, गेस्ट हाउस एवं होम स्टे में चारधाम यात्रा संबंधित निर्देशिका विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। इस निर्देशिका में चारधाम के साथ ही अन्य पर्यटक स्थलों की जानकारी भी विस्तृत रूप से दी जाए।

 

10 मई 2024 को श्री केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे जबकि 12 मई 2024 को श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। अभी तक चारधाम यात्रा के लिये 15 लाख से अधिक श्रद्धालु ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन करा चुके है।

 

*वनाग्नि पर प्रभावी नियंत्रण के लिए भी अलर्ट मोड पर रहें अधिकारी- मुख्यमंत्री*

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में इस समय चारधाम यात्रा के साथ ही वनाग्नि को रोकना महत्वपूर्ण विषय है। उन्होंने कहा कि वनाग्नि की रोकथाम के लिए वन विभाग के अलावा अन्य विभाग भी अलर्ट मोड पर रहें। वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए सूचना तंत्र और मजबूत किया जाए। क्विक रिस्पांस टाईम कम से कम किया जाए। वनाग्नि पर प्रभावी रोकथाम के लिए स्थानीय स्तर पर लोगों का सहयोग लिया जाए।

 

बैठक में पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज, शहरी विकास मंत्री श्री प्रेमचन्द अग्रवाल, श्री बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष श्री अजेन्द्र अजय, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, डीजीपी श्री अभिनव कुमार, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, श्री शैलेश बगोली, श्री सचिन कुर्वे, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, श्री अरविन्द सिंह ह्यांकी, डॉ. रंजीत सिन्हा, डॉ. आर. राजेश कुमार, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, सूचना महानिदेशक श्री बंशीधर तिवारी एवं चारधाम यात्रा से जुड़े विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और वर्चुअल माध्यम से संबंधित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

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