उत्तराखण्ड

अधिसूचित विभागीय 23 सेवाओं को लेकर कार्मिकों को दिया प्रशिक्षण।

देहरादून

मुख्य अभियंता, क्षेत्रीय कार्यालय, लोक निर्माण विभाग, यमुना कॉलोनी, देहरादून के अधीनस्थ कार्यालयों/खण्डों में तैनात एवं नामित सभी पदाभिहित अधिकारियों एवं सम्बन्धित पटल सहायकों के उपयोगार्थ 17 मार्च 2025 को एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

 

प्रशिक्षण कार्यक्रम में डॉ॰ शिव कुमार बरनवाल, सचिव एवं रजिस्ट्रार तथा श्री एस॰एम॰ कण्डवाल, सलाहकार/परामर्शी (प्रशिक्षण) द्वारा उपस्थित लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों एवं सम्बन्धित पटल सहायकों को अधिसूचित सेवाओं के सम्बन्ध में प्रशिक्षण दिया गया और यह बताया गया कि:-

 

उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार अधिनियम, 2011 के अन्तर्गत लोक निर्माण विभाग तथा वित्त विभाग के अधीन पेंशन/सेवानैवृत्तिक लाभों के सम्बन्ध में विभिन्न सेवाऐं अधिसूचित हैं। अधिसूचित सेवाओं को समय-सीमा के भीतर सेवा उपलब्ध कराने/प्राप्त कराने के सम्बन्ध में पदाभिहित अधिकारी नामित किये गये हैं, जिनकी सेवा देने हेतु जवाबदेही तय की गयी है।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में 24 प्रशिक्षणार्थियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

 

सर्वप्रथम प्रशिक्षणार्थियों को अधिसूचित विभागीय 23 सेवाओं के सम्बन्ध में बताया गया कि अधिसूचित सेवाओं हेतु जो अलग-अलग समय-सीमा निर्धारित की गयी है, निर्धारित समय-सीमा के अन्दर ही पात्र व्यक्ति/राज्य की जनता को समयबद्ध रीति से सेवा उपलब्ध करायी जाय।

 

वित्त विभाग की सेवानैवृत्तिक सेवाओं से सम्बन्धित लगभग 15 सेवाओं के सम्बन्ध में प्रशिक्षणार्थियों को अवगत कराया गया कि निर्धारित समय-सीमा के अन्दर पेंशन/पारिवारिक पेंशन प्रक्रियाओं एवं अन्य देयकों के सम्बन्ध में औपचारिकतायें पूर्ण करा ली जाय ताकि पेंशनर/पारिवारिक पेंशनर को पेंशन आदि का भुगतान समय से प्राप्त हो सके। यह भी बताया गया कि पेंशन प्रक्रिया में कदापि विलम्ब न किया जाय और समय से कार्यवाही पूर्ण कर ली जाय।

 

प्रशिक्षणार्थियों को चिकित्सा प्रतिपूर्ति देयकों के सम्बन्ध में बताया गया कि चिकित्सा प्रतिपूर्ति दावों का समय-सीमा के भीतर निस्तारण करने हेतु प्रतिहस्ताक्षरित/स्वीकृति की कार्यवाही कर ली जाय तथा राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण को दावा निर्धारित समय-सीमा के भीतर भुगतान हेतु ऑनलाईन प्रस्तुत किया जाय।

 

विभिन्न प्रकार के देय अवकाशों के सम्बन्ध में भी बताया गया कि कौन-कौन से अवकाश किन-किन नियमों के तहत किस-किस सक्षम प्राधिकारी द्वारा स्वीकृत किये जा सकते है। नियमों के आलोक में विस्तार से जानकारी दी गयी।

 

पेंशन प्रकरणों के सम्बन्ध में सिविल सेवा विनियमावली (सी॰एस॰आर॰) के पेंशन सम्बन्धी टिप्पणी महत्वपूर्ण अनुच्छेदों के सम्बन्ध में अवगत कराया गया। अन्त में उपस्थित सभी प्रशिक्षणार्थियों द्वारा आश्वासन दिया गया कि उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार अधिनियम, 2011 में सेवावार जो समय-सीमा निर्धारित की गयी है, को ध्यान में रखकर पात्र व्यक्ति को विभागीय सेवा प्रदान करने, समस्त सेवानैवृत्तिक लाभों का भुगतान करने के साथ-साथ चिकित्सा प्रतिपूर्ति दावों का भुगतान समय से कर दिया जायेगा और सम्बन्धित पात्र व्यक्ति को शिकायत करने का अवसर नहीं दिया जायेगा। उपस्थित सभी प्रशिक्षणार्थियों द्वारा आयोजित 01 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को विभागीय कार्यहित में बहुत ही उपयोगी बताया गया।

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