उत्तराखण्ड

होमगार्ड की महिला जवान अब बनेंगी कमांडों जैसी तेज तर्रार

देहरादून: प्रदेश में होमगार्ड जवानों को भी पुलिस की तर्ज पर प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसी उद्देश्य से पुरुष व महिला जवानों को फायरिंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। विभाग में पहले जवानों को थ्री नाट थ्री का प्रशिक्षण दिया जाता था, लेकिन अब थ्री नाट थ्री को विभाग से हटाते हुए एसएलआर को शामिल किया गया है। होमगार्ड की महिला जवान भी अब कमांडों जैसी तेज तर्रार बनेंगी। भविष्य में इन महिला जवानों को कमांडो की तर्ज पर फील्ड समेत अन्य प्रशिक्षण देने की भी योजना है। फिलहाल विभाग की ओर से इन्हें (सेल्फ लोडिंग रायफल) एसएलआर चलाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ताकि महिला जवान भी पुरुष जवानों की बराबरी कर सकें। होमगार्ड विभाग की ओर से पहले चरण में पुरुष जवानों को एसएलआर चलाने का प्रशिक्षण दिया गया था। अब प्रशिक्षण के लिए 65 महिला जवानों का चयन किया गया है। होमगार्ड विभाग की ओर से प्रदेश के 10 जनपदों में महिला प्लाटून बनाने की तैयारी की जा रही है। ऊधमसिंहनगर, पिथौरागढ़, चंपावत, अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, उत्तरकाशी और टिहरी में होमगार्ड स्वयंसेवकों की एक-एक महिला प्लाटून (330 महिला होमगार्ड) के पदों पर भर्ती की भी योजना है। होमगार्ड्स विभाग में पुरुष जवानों की तर्ज पर महिला जवानों को भी फायरिंग में प्रशिक्षित किया जा रहा है। महिला जवानों को एसएलआर की ट्रेनिंग दी जा रही है, ताकि भविष्य में कहीं जरूरत पड़ने पर इन्हें वहां तैनात किया जा सके।

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