टिहरी गढ़वाल पहुंची मास्टर ट्रेनर राधिका गुरुंग, शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार देने का किया वादा।
उत्तराखंड की मास्टर ट्रेनर राधिका गुरुंग इन दिनों चर्चा में हैं। उत्तराखंड में आर्ट एंड क्राफ्ट को एक नई दिशा दिखाने वाले साथ ही साथ विरासत में एक बड़ा नाम कमाने वाली मास्टर ट्रेनर राधिका गुरुंग सबकी जुबान पर है। इसका कारण यह है कि मास्टर ट्रेनर राधिका गुरुंग लगातार महिलाओं के लिए एक उम्मीद की किरण बन रही है।पहाड़ हो या मैदान लगातार काम करने के लिए आगे रहने वाले राधिका गुरुंग इस बार महिलाओं को रोजगार देने के लिए राजधानी देहरादून से 100 किलोमीटर की दूरी पर पड़ने वाले टिहरी गढ़वाल के गांव गैड व गरखेत पहुंच गई।सबसे पहले मास्टर ट्रेनर राधिका गुरुंग जौनपुर ब्लाक के गांव गरखेत में मौजूद स्कूल ( एस.एफ मेमोरियल स्कूल) पहुंची जहां उन्होंने स्कूल के प्रिंसिपल दिलवर सिंह से बातचीत की और शिक्षा के क्षेत्र में उनके द्वारा किए जा रहे काम की तारीफ की। साथ ही मास्टर ट्रेनर द्वारा स्कूल को बेहतर बनाने के लिए कई बिंदुओं पर बातचीत की गई।
इसी को लेकर स्कूल के अध्यापकों ने अपनी परेशानी मास्टर ट्रेनर राधिका गुरुंग के सामने रखी उन्होंने बताया कि स्थिति बेहद खराब है बच्चों को पढ़ने के लिए किताबे तक नहीं मिल पाती। बच्चे नीचे बैठकर पढ़ने को मजबूर है, कई बच्चे तो ऐसे हैं जिनके माता-पिता नहीं है उनका का भरण पोषण और शिक्षा सब यहां के प्रिंसिपल ही करते हैं। इसके साथ कई बच्चे बेहद गरीब परिवार से आते हैं जो अपनी फीस भरने में भी असमर्थ है। यहां तक कि अध्यापकों के हालात भी ठीक नहीं है कई बार तो उन्हें वेतन भी नहीं मिल पाता क्योंकि बच्चे फीस नहीं दे पाते जिस कारण स्कूल के प्रिंसिपल को कई बार वेतन देने में दिक्कत होती है और कई बार तो वे वेतन ही नहीं दे पाते। स्कूल के प्रिंसिपल व अध्यापकों की बातें सुनकर राधिका गुरुंग ने स्कूल के लिए बेहतर कार्य करने का वादा किया है। और स्कूल की मदद करने का भी संकल्प लिया जिसके बाद स्कूल के स्टाफ ने मास्टर ट्रेनर को शॉल ओढ़ाकर उनका सम्मान किया।
इसके बाद मास्टर ट्रेनर राधिका गुरुंग गैड गांव पहुंची इस अवसर पर गांव के लोगों ने मास्टर ट्रेनर राधिका गुरुंग का स्वागत किया और मास्टर ट्रेनर के साथ विचार गोष्ठी की। विचार गोष्ठी में महिलाओं ने रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, पलायन व सामाजिक व्यवस्था से जुड़ी समस्याएं मास्टर ट्रेनर राधिका गुरुंग के सम्मुख रखी। महिलाओं की समस्याओं को देखते हुए तथा पलायन को रोकने के लिए और महिलाओं को रोजगार देने के लिए राधिका गुरुंग ने कहा कि वे पहाड़ की महिलाओं को सशक्त बनाएंगी और हर संभव मदद करेंगी साथ ही महिलाओं को घर से ही काम करने की ट्रेनिंग देंगी, जिससे महिलाएं पहाड़ में रहकर अच्छे पैसे कमा सके और स्वावलंबी बन सके। इसके लिए वे जल्द ही ट्रेनिंग शुरू करेंगी। इसके साथ साथ उत्तराखंड के पहाड़ों में रहने वाले लोगों के लिए रोजगार के साधन मुहैया कराएंगी।
गोष्टी खत्म होने के बाद महिलाओं ने मास्टर ट्रेनर राधिका गुरुंग का उनके गांव में पहुंचने के लिए धन्यवाद किया और उनके द्वारा किए गए कामों के लिए भी उनकी सराहना की और कहा कि हमें विश्वास है कि वे लगातार आगे भी हमारी मदद करती रहेंगी और पहाड़ को और पहाड़ की महिलाओं को सशक्त बनाएंगी।