संगीतांजली द्वारा शास्त्रीय संगीत संध्या…….
संगीतांजली शास्त्रीय संगीत समिति एवं पंजाबी यूनिवर्सिटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित डॉo बलबीर सिंह साहित्य केन्द्र के सभागार में हिन्दुस्तानी शास्त्रीय गायिका विदुषी श्रीमती स्वर्णिमा गुसांईं (जयपुर-अतरौली एवं बनारस घराना) का गायन प्रस्तुत किया गया। _द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया। सर्वप्रथम रागी अवतार सिंह जी नानकसर वाले और उनके सहयोगी ने गुरु वाणी प्रस्तुत की l बांसुरी पर समीर खन्ना ने मधुर धुन बजा कर वातावरण को संगीतमय कर दिया । विदुषी स्वर्णिमा गोसाईं ने संगीत के गुर संगीतांजली के संस्थापक पंडित वासुदेव देशपांडे जी से आरंभिक अवस्था में सीखे। उन्होंने गायन का शुभारम्भ ठुमरी ठाड़े रहो बांके श्याम को गाने में अच्छी सूझ बूझ का परिचय दिया। उनकी सुरीली आवाज़ में अनूठापन था| विदुषी श्रीमती स्वर्णिमा ने सुविख्यात गायिका पदम् विभूषण श्रीमती गिरिजा देवी के सानिध्य मे ठुमरी का ज्ञान प्राप्त किया। इसके बाद चैती के बोल थे चैत मास बोले कोयलिया को गायिका ने विस्तार मे शुद्धता और सुंदरता से प्रस्तुत किया।
श्री मत स्वर्णिमा संगीत जगत की लोकप्रिय गायिका गानसरस्वती पदम् विभूषण श्रीमती किशोरी अमोनकर की शिष्या रही हैं, इसलिए उनकी गायन शैली में अपनी गुरु की झलक मिलती है, इसके पश्चात राग मिश्र पीलू मे दादरा मांड केसरिया बालम ने श्रोताओं को संगीत रस के सागर में खोने को विवश कर दिया। श्रोताओं के अनुरोध पर भजन भज गोविंदम और कबीर का भजन घट घट मे पंछी बोलता से संगीत धारा बहने लगी। अंतिम शिव के भजन से श्रोता मंत्र मुग्ध हो गए। उनके साथ तबला संगत शुभोजीत भट्टाचार्य और हारमोनियम पर धर्मेंद्र मिश्रा ने की। तानपुरा सृष्टि काला और अनन्या गौड ने बखूबी निभाया।
कार्यक्रम का कुशलता पूर्ण संचालन डॉo सीमा रस्तोगी और नीरज गुप्ता ने किया। इस शास्त्रीय संगीत संध्या को सफल बनाने मे संगीतांजली के अध्यक्ष राहुल जैन, सह सचिव सुनीत अग्रवाल, सचिव रंगकर्मी ज्ञान प्रकाश गुप्ता एवं मीडिया प्रभारी देवेन्द्र कांडपाल, डॉ कुलविन्दर सिंह (पंजाबी यूनिवर्सिटी) का विशेष योगदान रहा। श्रोताओं मे सुरेश पंत, सुविख्यात गायिका सुश्री विजया गोडबोले, विजय स्नेहीश्री शैलेंद्र सिंह नेगी (एसडीएम, मसूरी, प्रो. एम.पी.एस. बिष्ट, (निदेशक, यूएसएसी), श्री अवि नंदा, श्री आलोक उल्फत, श्रीमती जागृति डोभाल, डॉ. आर.पी.भट्ट (सेवानिवृत्त डीजी, स्वास्थ्य), श्री. शास्त्रीय संध्या में अंबर खरबंदा भी शामिल हुईं।एवं अन्य कई गणमान्य व्यक्तियों नें अपनी उपस्थिती दर्ज की।
देहरादून से नवीन जोशी की रिपोर्ट