आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया के बारे में जागरूक करने के लिए पी एंड जी हेल्थ देश के 20 शहरों में शुरू करेगी ‘‘ना ना एनीमिया बस यात्रा’’
ऋषिकेश:-आयरन डिफिशिएंसी डे 2022 मनाते हुए पी एंड जी हेल्थ ने फॉग्सी (द फेडरेशन ऑफ ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया) के साथ मिलकर आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया के विषय में जागरूकता बढ़ाने का प्रयास तेज कर दिया। इसके लिए ‘ना ना एनीमिया बस यात्रा’ शुरू की गई। प्रॉक्टर एंड गैंबल हेल्थ लिमिटेड के प्रबंध निदेशक मिलन थट्टे और फॉग्सी के अध्यक्ष डॉक्टर हृषीकेश पई द्वारा ऋषिकेश से आरंभ की गई ‘ना ना एनीमिया बस यात्रा’ 40 से ज्यादा दिनों में पांच राज्यों – उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश,बिहार झारखंड और पश्चिम बंगाल के 20 शहरों से होकर 4 जनवरी 2023 को कोलकाता में खत्म होगी।
प्रॉक्टर एंड गैंबल हेल्थ लिमिटेड के प्रबंध निदेशक मिलिंद थट्टे ने कहा कि पी एंड जी हेल्थ 50 से भी ज्यादा वर्षों से भारत में अपने प्रमुख ब्रांड लिवोजेन के जरिये आयरन की कमी के बारे में जागरूकता तथा शिक्षा के लिए समर्पित है। थ्व्ळैप् के साथ मिलकर ‘ना ना एनीमिया बस यात्रा’ के जरिये अंतिम छोर तक जागरूकता उत्पन्न करना और लोगों को आईरन डिफिशिएंसी एनीमिया के शुरुआती लक्षण पहचानने तथा उनसे निपटने के उपाय करने योग्य बनाना ही हमारा मकसद है। इस कार्यक्रम के तहत 5000 से अधिक लोगों की मुफ्त जांच की जाएगी, रक्तचाप नापा जाएगा और महिला रोग विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक के द्वारा स्वास्थ्य जांच भी की जाएगी।
आयरन की कमी हर उम्र में परेशान करती है और बच्चों, गर्भवती अथवा माहवारी वाली महिलाओं तथा किडनी डायलिसिस करा रहे लोगों में इसका सबसे ज्यादा खतरा रहता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि एनीमिया के कुल मामलों में 50 प्रतिशत योगदान आयरन की कमी का है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5) के आंकड़ों से पता चला कि भारत में हर 2 में से एक महिला एनीमिया से पीड़ित है और लगभग 57 प्रतिशत सामान्य महिलाएं तथा 52 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं इससे पीड़ित रहती हैं। तीन में से एक महिला आयरन की कमी के लक्षण जैसे थकावट, चक्कर आना, पीला पड़ना और बाल झड़ना से पीड़ित हैं। लेकिन अक्सर इन लक्षणों की अनदेखी कर दी जाती है जिससे लक्षणों को जल्दी पहचानना और समय से समस्या का पता लगाना बहुत जरूरी है।
देहरादून से नवीन जोशी की रिपोर्ट