देहरादून से मसूरी तक का सफर एसी बस के साथ बनेगा सुहाना, टिहरी झील के लिए भी खास परियोजना तैयार
देहरादून: पहाड़ों की रानी मसूरी का आकर्षण देखते ही बनता है I पर्यटन सीजन और वीकेंड पर यहां पर्यटकों की खासी भीड़ देखी जा सकती है। हालांकि, पर्यटकों की संख्या बढ़ने पर देहरादून-मसूरी मार्ग पर जाम की समस्या विकट हो जाती है। पर्यटकों को घंटों जाम में फंसा रहना पड़ता है और इसके चलते पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील दूनघाटी में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। पर्यटकों के मार्ग को सुगम बनाने के लिए जल्द ही देहरादून से मसूरी तक एसी बसों का संचालन शुरु किया जाएगा I
डेवलपमेंट आफ बेस्ट इन क्लास ट्रासंपोर्ट इफ्रास्ट्रक्चर इन देहरादून एंड मसूरी परियोजना में स्मार्ट इलेक्ट्रिक एसी बसों का संचालन किया जाएगा और सड़क के मोड़ों में सुधार लाए जाएंगे। राज्य सरकार के बजट के मुताबिक यह परियोजना 1750 करोड़ रुपए की होगी और इसमें मुख्य रूप से स्मार्ट इलेक्ट्रिक एसी बसों का संचालन किया जाएगा। ताकि जाम के झंझट से दूर रहते हुए पर्यटक एसी बसों का सफर कर आराम से मसूरी पहुंच सकें। इसके माध्यम से कार्बन फुटप्रिंट कम करने का लक्ष्य भी रखा गया है।
साथ ही परियोजना में भूस्खलन जोन का उपचार कर सड़कों की चौड़ाई में भी सुधार लाया जाएगा। एसी बसों के संचालन का खाका अभी स्पष्ट नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है इस इस रूट पर 50 बसों का संचालन किया जाएगा।
वर्तमान में दून के दो रूट पर एसी बसों का संचालन किया जा रहा है और इनके प्रति यात्रियों में खासी दिलचस्पी देखी जा रही है। दून के कुछ अन्य रूट पर भी एसी बसों का विस्तार किया जाएगा, ताकि विभिन्न क्षेत्रों के लोग निकटवर्ती स्टेशन से ही एसी बसों के नेटवर्क का प्रयोग मसूरी तक जारी रख सकें।
राज्य सरकार के बजट में दून की दो अहम सड़क परियोजनाओं को केंद्र में रखा गया है। बजटीय प्रविधान के मुताबिक देहरादून-पांवटा साहिब और भानियावाला-ऋषिकेश राजमार्ग को 1922 करोड़ रुपए से चौड़ा किया जाएगा। दिल्ली-देहरादून राजमार्ग को चौड़ा करने का काम तेज गति से चल रहा है और हरिद्वार-देहरादून राजमार्ग को पहले ही चौड़ा किया जा चुका है। दून को जोड़ने वाले शेष राजमार्ग भी निकट भविष्य में चौड़े हो जाने पर यात्रियों को खासी सुविधा मिल जाएगी।
टिहरी झील को केंद्र में रखते हुए राज्य सरकार ने समूचे क्षेत्र को राज्य का ब्रांड टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने का खाका तैयार किया है। इसके लिए 1930 करोड़ रुपए का बजटीय प्रविधान किया गया है।
होलिस्टिक डेवलपमेंट आफ टिहरी लेक एंड इट्स कैचमेंट नाम की परियोजना के तहत टिहरी क्षेत्र को नई पहचान दी जाएगी। साथ ही इसमें सतत विकास के आधार पर पर्यटन का विकास किया