उत्तराखण्ड
ट्यूशन से बचने के लिए 11 वर्षीय बेटे ने रच डाली अपनी अपहरण की कहानी
देहरादून: हरिद्वार में बैक्वेट हॉल संचालक के 11 वर्षीय बेटे ने अपने ही अपहरण की कहानी रच डाली। अपहरण की कहानी में बार-बार बयान बदलने पर आखिरकार उसने सच उगल दिया। उसने बताया कि ट्यूशन जाने से बचने के लिए उसने ऐसा किया।
पुलिस के मुताबिक पीठ बाजार निवासी अनुराग झा के शहर में अलग-अलग जगहों पर तीन बैक्वेट हॉल हैं। उनका 11 वर्षीय बेटा देव कक्षा पांचवीं में पढ़ता है। देव पीठ बाजार में संगीता टॉकीज के समीप रोजाना साइकिल से ट्यूशन पढ़ने जाता है। शुक्रवार शाम भी वह घर से साइकिल पर ट्यूशन के लिए निकला। लेकिन वह ट्यूशन नहीं पहुंचा। कुछ देर बाद उसने घर पहुंचकर बताया कि उसे चार लोगों ने उसका रास्ता रोक लिया।
उसने बताया कि चारों युवक दो अलग-अलग दुपहिया वाहनों पर थे। दो युवकों ने उसे जबरदस्ती अपनी बाइक पर बैठा लिया। जबकि दूसरे बाइक का एक युवक उसकी साइकिल लेकर चला गया। चौथा युवक दूसरी बाइक से उनके पीछे आने लगा। देव ने पुलिस को बताया कि लोधमंडी में उसे युवक लेकर पहुंचे। जहां एक साधु रास्ते में खड़ा था। जिसे देखकर युवकों ने बाइक रोक दी। युवक उससे बात करने लगे और साधु के चरण स्पर्श करने लगे। इसी बीच वह उनके चंगुल से निकल गया और किसी तरह बचकर घर पहुंचा।
बता दे कि बेटे ने मां को इसकी जानकारी दी और पुलिस को घटना के बारे में बताया। सूचना मिलते ही एसएसपी अजय सिंह ने तत्काल मामले की जांच करने के निर्देश दिए। ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी आरके सकलानी, एसएसआई अंशुल अग्रवाल, रेल चौकी प्रभारी सुधांशु कौशिक सहित तमाम पुलिसकर्मी उसके घर पहुंचे। बच्चे से पूछताछ की। उसके साथ ट्यूशन जाने वाले रास्ते का मुआयना किया। पुलिस ने अलग-अलग स्थानों पर दो दर्जन से ज्यादा लगे सीसीटीवी को चेक किया लेकिन कहीं भी देव या उसके बताए युवक नजर नहीं आए।
बच्चा बार-बार बयान बदलते रहा। जबकि देव घर साइकिल से पहुंचा था। जबकि कहानी में उसने बताया था कि उसकी साइकिल एक युवक लेकर चला गया। वह युवकों के चंगुल से कहां से भागकर आया, उस जगह को भी नहीं बता सका। शंका होने पर पुलिस ने उससे पूछताछ की तो उसने सच उगल दिया। उसने बताया कि ट्यूशन नहीं जाना चाहता है। मां की डांट और ट्यूशन जाने से बचने के लिए उसने झूठ बोला।