उत्तराखण्ड

हेमवती नंदन बहुगुणा विवि के फैसले पर लगाया हाईकोर्ट ने स्टे

देहरादून: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि के 30 मई को कार्य परिषद में लिए गए निर्णय पर स्टे लगा लगा दिया है। डीएवी कॉलेज प्रबंधन ने हाईकोर्ट में दस अशासकीय महाविद्यालयों को असंबद्ध करने के फैसले को चुनौती दी थी। सोमवार को हाईकोर्ट ने स्टे का आदेश जारी किया। डीएवी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. केआर जैन ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा के आदेश की प्रति मिलने पर विस्तार से जानकारी दी जाएगी। हाई कोर्ट ने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय से डीएवी कॉलेज देहरादून सहित नौ अन्य कॉलेजों की सम्बद्धता समाप्त करने के विरुद्ध डीएवी कॉलेज मैनेजमेंट की याचिका पर सुनवाई की।वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने सम्बद्धता समाप्त करने के आदेश पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार, केन्द्र सरकार व गढ़वाल केंद्रीय विवि से तीन सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। खण्डपीठ ने केवल डीएवी कॉलेज की संवद्धता समाप्त करने के आदेश पर ही रोक लगाई है, अन्य कॉलेजों पर नहीं।इस मामले में डीएवी कॉलेज की ओर से दयाचिका दायर की गयी है। डीएवी कॉलेज प्रबंधन ने याचिका दायर कर कहा है कि हेमवतीनन्दन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर की कार्यपरिषद ने डीएवी कॉलेज सहित नौ अन्य कॉलेजों की सम्बद्धता समाप्त कर दी। जिसमें देहरादून के कई बड़े कॉलेज भी सामील हैं। आदेश में यह भी कहा गया है कि कॉलेजो की संवद्धता समाप्त करते हुए उनकी विश्वविद्यालय की वेबसाइट से नाम हटाने के आदेश भी दे दिए हैं। जिसकी वजह से हजारों छात्रों के भविष्य पर खतरा उतपन्न हो गया है। याचिका में यह भी कहा गया कि विश्वविद्यालय ने बिना किसी कॉलेज का पक्ष सुने, ना ही नियमावली का अवलोकन किए संवद्धता समाप्त कर दी ,इसलिए इस आदेश पर रोक लगाई जाय।

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