उत्तराखण्ड
राज्यपाल ने जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल की योजनाओं को बताया क्रान्तिकारी
हल्द्वानी: राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि) गुरमीत सिंह ने सर्किट हाउस काठगोदाम में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। राज्यपाल ने आईजी नीलेश आनन्द भरणे, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पंकज भटट एवं मुख्य विकास अधिकारी डा. संदीप तिवारी से विकास कार्यों की जानकारी लेकर समीक्षा की।
शुक्रवार को हुई समीक्षा बैठक के दौरान राज्यपाल ने जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल द्वारा जनपद के विकास के लिए बनाई रही योजनाओं को क्रान्तिकारी योजनायें बताया। उन्होंने कहा जिलाधिकारी ने एक ही अवसर पर निर्भर ना रहते हुये सभी अवसरो को तराशते हुए बेहतर कार्य योजना पर कार्य किया है। राज्यपाल ने कहा जिलाधिकारी की प्लानिंग के अनुसार टूरिज्म एवं पर्यटन को कैसे बढाना है, इस पर कार्य किया जा रहा है
राज्यपाल ने उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को ग्रोथ इकोनॉमी की संज्ञा से जोड़ते हुए कहा कि उत्तराखंड में G से ग्लोबल, R से रिलीजियस, O से ऑर्गेनिक,W वोमेन वेलनेस, T से टूरिज्म, H से हॉर्टिकल्चर की अपार संभावनाएं है जिन पर कार्य करके उत्तराखंड भारत का नहीं अपितु विश्व पटल पर अपनी विशिष्ट पहचान अंकित कर सकता है। उन्होंने कहा कि विश्व पर्यटक उत्तराखंड की प्राकृतिक सौंदर्यता में मंत्रमुग्ध होकर अपना समय व्यतीत करने आता है।
बैठक में राज्यपाल ने जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल द्वारा ग्रामीण इलाकों में समेकित, क्लस्टर आधारित सामुदायिक कार्यों (ऐपल मिशन, हाइड्रोपोनिक, होम स्टे, पुराने भवनों का पारम्परिक शैली में जीर्णोद्वार व पुनर्जीवित, पैराग्लाइडिंग, पॉली हाउस, अमृत सरोवर आदि) की प्रशंसा करते हुए उन्हें डॉक्यूमेंट व अंकित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी ने यहाँ की समस्या, आवश्यकता व मांग के अनुरूप लोगों के लिए कार्ययोजना तैयार की है, जिसका भरपूर लाभ स्थानीय लोगों को मिला है। इसी का परिणाम है कि लोंगो को रोजगार के साथ यहाँ की कलाओं की पहचान दिलाने में भी मदद मिल रही है व आर्थिकी भी सशक्त हो रही है।
उत्तराखंड के महिलाओं की प्रशंसा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि पहाड़ी महिलाएं उत्तराखंड के विकास की रीढ़ है, जिन्हें जिला नैनीताल के प्रशासन द्वारा और अधिक निखारने का कार्य भी किया गया है। जनपद में महिलाओं के 4464 स्वयं सहायता समूह है।मौसम आधारित रोजगार के साथ ही वर्ष भर यहाँ की महिलाएं रोजगार पा सके इसके लिए कृषि, बागान, मत्स्य, पशुपालन व हस्तकला आधारित उद्योगों से जोड़ा गया है।
इस अवसर पर एडीसी धीरेन्द्र सिंह गुंज्याल, ओएसडी बीपी नौटियाल उपस्थित थे।