भर्ती घोटाले की जांच के लिए गठित समिति विधानसभा अध्यक्ष को जल्द सौंपेगी रिपोर्ट
देहरादून: विधानसभा सचिवालय में हुई भर्तियों में घोटाले की जांच कर रही विशेषज्ञ समिति दो-तीन दिन में अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंप सकती है। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने अपने एक बयान में इस बात की ओर इशारा किया है।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि जांच रिपोर्ट मिलने के बाद इस प्रकरण में विधानसभा की गरिमा के अनुरूप निर्णय लिया जाएगा। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा की ओर से जांच को लेकर दिए गए वक्तव्य पर उन्होंने कहा कि यह गंभीर विषय है। इसमें राजनीति कतई नहीं होनी चाहिए।
विधानसभा सचिवालय में पिछले वर्ष हुई 72 नियुक्तियों में गड़बड़ी का मामला उछलने के बाद वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष खंडूड़ी ने सेवानिवृत्त आइएएस डीके कोटिया की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय विशेषज्ञ जांच समिति गठित की।
यह समिति तीन सितंबर से जांच में जुटी है और उसे माहभर के अंदर विधानसभा में अब तक हुई सभी नियुक्तियों में नियम-कानूनों का पालन हुआ अथवा नहीं, इसकी जांच रिपोर्ट देनी है।
इस बीच सोमवार को इंटरनेट मीडिया में चर्चा तेजी से चली कि समिति ने अपनी रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दी है। जिसपर उन्होंने इंटरनेट मीडिया में चल रही उन्हें रिपोर्ट सौंपे जाने और उनके दिल्ली रवाना होने की बात को एक कोरी अफवाह बताया है I
विधानसभा अध्यक्ष खंडूड़ी ने इस बारे में पूछने पर बताया कि समिति ने उन्हें अभी कोई रिपोर्ट नहीं सौंपी है। जब भी रिपोर्ट आएगी, उसके बारे में विधिवत रूप से बताया जाएगा। उन्होंने कहा कि समिति के अध्यक्ष ने उनसे बात जरूर की है।
फर्जी सूची इंटरनेट पर वायरल करने के मामले में जांच शुरू
सरकारी विभागों में रिश्तेदारों को नौकरी दिलाने को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तराखंड प्रांत प्रचारक युद्धवीर का नाम घसीटने और इस संबंध में इंटरनेट मीडिया पर फर्जी सूची वायरल करने के मामले में एसटीएफ ने जांच शुरू कर दी है।
एसटीएफ की ओर से संबंधित विभागों को पत्र लिखकर सूची में दिए नामों का सत्यापन किया जा रहा है। सचिवालय की ओर से दिए जवाब में सूची में लिखे सभी नाम फर्जी पाए गए हैं।
इस मामले में एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि जांच अधिकारी विभागों को पत्र भेजकर जानकारी जुटा रहे हैं। सोमवार को सचिवालय, दून विवि, स्वास्थ्य, आबकारी, खनन आदि विभाग में जांच टीम गई।अब तक सचिवालय से पता चला है कि वहां कोई भी उस नाम का व्यक्ति नौकरी नहीं लगा, जिसका नाम सूची में दर्शाया गया है। उन्होंने बताया कि प्राथमिक स्तर पर सत्यापन का काम किया जा रहा है। इसके बाद पता लगाया जाएगा कि सूची किसने वायरल की।