उत्तराखण्ड
मुख्य सचिव ने प्रदेश की नदियों को बचाए जाने और चेक डैम बनाए जाने के सम्बन्ध में की बैठक
देहरादून: मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में प्रदेश की नदियों को बचाए जाने और चेक डैम बनाए जाने के सम्बन्ध में सम्बन्धित विभागों के साथ बैठक आयोजित हुई। बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए|
शुक्रवार को सचिवालय में हुई बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश की नदियों के पुनरोद्धार के लिए प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। पूरे प्रदेश को नदियों को बचाने के लिए प्राधिकरण बनाए जाने की आवश्यकता है। इसके लिए उन्होंने जनपद स्तरीय और राज्य स्तरीय प्राधिकरण बनाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वर्षा आधारित नदियों को बचाने के लिए उनके श्रोत से राज्य की सीमा तक कार्य करने की आवश्यकता है। यह काम सुचारू रूप से हो सके इसके लिए सिंचाई, लघु सिंचाई, जलागम और वन विभाग को मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि इस कार्य को लगातार मॉनिटर किया जाए। इसके लिए एक डेडीकेटड सेल का गठन किया जाए।
मुख्य सचिव ने वन विभाग और सिंचाई विभाग को अपने-अपने क्षेत्रों में अधिक से अधिक चेक डैम बनाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चैक डैम और वृक्षारोपण आदि के माध्यम से लगातार इस दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर वन विभाग से डी.एस. मीणा ने टिहरी जनपद में हेंवल नदी के पुनरोद्धार के लिए किए गए प्रयासों पर एक विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। मुख्य सचिव ने उनके प्रयासों की सरहाना करते हुए कहा कि इस कार्य को पूरे प्रदेश में किस प्रकार से लागू किया जा सकता है, इसके लिए कॉन्सेप्ट पेपर तैयार किया जाए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम, हरिचन्द्र सेमवाल सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहें।