उत्तराखण्ड

राज्सयपाल ने दी मयपूर्व 175 कैदियों को मुक्त किए जाने की अनुमति

देहरादून: विभिन्न कारागारों में सजा काट रहे 175 कैदियों के लिए यह गणतंत्र दिवस विशेष रहा। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने मानवीय रूख अपनाते हुए गणतंत्र दिवस पर राज्य के विभिन्न कारागारों में लम्बी अवधि से सजा काट रहे 175 कैदियों की दया याचिका के आधार पर समय से पहले मुक्त किए जाने के प्रस्ताव पर अनुमति प्रदान कर दी है।

राज्य गठन के बाद से उत्तराखण्ड के इतिहास में यह पहला मौका है जब सर्वाधिक संख्या में राज्यपाल द्वारा दया के आधार पर एक साथ 175 कैदियों को समयपूर्व मुक्त किए जाने की अनुमति दी गई हैं। समयपूर्व मुक्त किये जाने वाले बन्दियों में एक कैदी 47 वर्षों से अधिक अवधि से कारागार में सजा काट रहा था, तो वहीं 7 अन्य कैदी 40 वर्षों से अधिक अवधि से विभिन्न कारागरों में सजा काट रहे थे। इनमें से 26 कैदी लगभग 30 वर्षों से अधिक अवधि की सजा काट रहे थे। 9 महिला कैदियों को भी समय पूर्व मुक्त किए जाने की अनुमति दी गई है।

सजा कट रहे सम्पूर्णानन्द शिविर, सितारगंज से 27 कैदियों, केन्द्रीय कारागर, ऊधमसिंहनगर से 52, जिला कारागार हरिद्वार से 63, जिला कारागार पौड़ी से 01, जिला कारागार चमोली से 01, केन्द्रीय कारागार बरेली, उत्तर प्रदेश से 02, केन्द्रीय कारागार वाराणसी, उत्तर प्रदेश से 01, केन्द्रीय कारागार फतेहगढ़, उत्तर प्रदेश से 01 कैदी तथा 23 अन्य कैदियों के समयपूर्व मुक्त किए जाने के प्रस्ताव पर राज्यपाल ने मंजूरी दी है।

उक्त समस्त कैदियों को राज्यपाल द्वारा दया के आधार तथा उनके अच्छे आचरण के आधार पर समय पूर्व मुक्त किए जाने की अनुमति प्रदान की गई है।

 

Related Articles

Back to top button