उत्तराखण्ड
कावड़ यात्रा की तैयारियां पूर्णः धामी
-सुरक्षा व यातायात व्यवस्था पर विशेष जोर
हरिद्वार: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कावड़ यात्रा की तैयारियों का जायजा लेने सोमवार को हरिद्वार पहुंचेI इस दौरान सीएम ने कांवड़ियों की सुरक्षा व्यवस्था और यातायात व्यवस्था दुरुस्त रखने के निर्देश प्रशासनिक अधिकारीयों को दिए। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण व निर्विघ्न कावड़ यात्रा संपन्न होगी , इसकी पूरी तैयारी कर ली गई हैं।
4 जुलाई से शुरू होने जा रही कावड़ यात्रा की तैयारियां जोर-शोर से जारी है कांवड़ मेले में आने वाले कांवड़ियों को किसी भी तरह की दिक्कतें न हो इसके पुख्ता इंतजाम करने में जिला प्रशासन जुटा है। कावड़ यात्रा की तैयारियों का जायजा लेने हरिद्वार पहुंचे मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि जिला प्रशासन लंबे समय से कांवड़ मेले की तैयारियों में जुटा हुआ है। कांवड़ मेले में करोड़ों लोगों की भीड़ आती है जिसे नियंत्रित करना और उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है।
सीएम ने बताया कि कांवड़ मेले के लिए जिला प्रशासन द्वारा एक एडवाइजरी तैयार की गई है जिसके अनुसार कांवड़ मेले में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को आधार कार्ड लाना अनिवार्य होगा वहीं त्रिशूल, हाकी और लाठी, डंडे लाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। हरिद्वार प्रशासन द्वारा मेला क्षेत्र को कई जोन में बांटकर अधिकारियों को अलग क्षेत्रों की जिम्मेवारी सौंपकर जवाबदेही तय की गई है। मेला क्षेत्र को सीसीटीवी की नजर में रखने के लिए 1 हजार से अधिक कैमरे लगाए जाएंगे तथा पूरे क्षेत्र की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए हर की पैड़ी क्षेत्र में कंट्रोल रूम स्थापित किया जा रहा है।
अधिकारियों के साथ हुई बैठक में मुख्यमंत्री को मेले की व्यवस्थाओं और सुरक्षा से संबंधित तमाम जानकारियां दी गई। सुरक्षा व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन ने केंद्र सरकार से अतिरिक्त पुलिस फोर्स की मांग की है। वहीं जीआरपी ने अतिरिक्त ट्रेन चलाने और रेलवे स्टेशनों के अंदर तथा बाहर जन सुविधाएं बढ़ाने की मांग की है। कांवड़ मेले की सुरक्षा के साथ व्यवस्थाओं को लेकर सीमावर्ती राज्यों का भी सहयोग लिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री कहा कि चारधाम यात्रा की तरह ही का कावड़ यात्रा को सुरक्षित और सरल बनाने में प्रशासन जुटा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह यातायात और सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम करें जिससे निर्विघ्नं कावड़ यात्रा संपन्न हो सके।