प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देवभूमि में भव्य दीपोत्सव का आयोजन; घाटी से लेकर चीन सीमा तक रही श्रीराम की गूंज
देहरादून। अयोध्या में 500 वर्ष की प्रतीक्षा के बाद भगवान राम अपने धाम में विराजे तो देवभूमि आह्लादित हो उठी। घाटी से लेकर पहाड़ और शहर से लेकर चीन सीमा तक दीपोत्सव मनाया गया। रंग-बिरंगी रोशनी से जगमग शहर और गांवों में चहुंओर श्रीराम के जयकारों की गूंज रही। जाति-धर्म और आयु के बंधन गौण हो गए।
पग-पग पर अयोध्या-सा उल्लास नजर आ रहा था और रामभक्तों का उत्साह कण-कण में श्रीराम के प्रतिबिंब का एहसास करा रहा था। इस हर्षोत्सव में शीत लहर भी चरम पर थी, मानो रामभक्ति की उमंग में झूम रही हो। इन दिव्य और भव्य पलों का साक्षी बनने के लिए सूरज के साथ मेघ भी आतुर थे और रह-रहकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे थे। सर्द हवाओं के बावजूद वातावारण में घुली रामभक्ति की गर्माहट कम होने का नाम नहीं ले रही थी।
रामभक्ति में डूबे लोगों ने सजाए वंदनवार
अयोध्या में रामलला विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के निमित्त उत्सव मनाने के लिए देवभूमि में लोग पिछले एक सप्ताह से उत्साहित थे। रामभक्ति में डूबे लोगों ने वंदनवार सजाए थे। गलियों, घरों, दुकानों और कार्यालयों का रामध्वज, फूल माला व रंग-बिरंगी रोशनी से शृंगार किया गया था।
श्रीराम की गूंज के साथ हुई आतिशबाजी
सोमवार को भोर होते ही हर किसी के नयन उस शुभ घड़ी पर थे, जिसमें रामलला विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा होनी थी। घड़ी की सुइयां भी उस क्षण पर पहुंचने को आतुर थीं। जैसे ही अभिजीत मुहूर्त में भगवान राम अपने मंदिर में विराजे, देवभूमि में हर किसी का मन आह्लादित और नयन हर्षित हो उठे। जगह-जगह शंख बज उठे और चहुंओर श्रीराम की गूंज के साथ आतिशबाजी शुरू हो गई।
मंदिरों में भजन-कीर्तन, सुंदरकांड और रामचरित मानस पाठ किए गए। प्रदेशभर में श्रीराम की शोभायात्राएं निकाली गईं। भंडारों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करने पहुंचे।
देर शाम घर, मंदिर, सरकारी व निजी कार्यालयों समेत विभिन्न प्रतिष्ठानों में दीपोत्सव मनाया गया। साथ ही आतिशबाजी से भी भगवान राम का सत्कार किया गया।
देवभूमि में भी दिखा उत्सव का माहौल
चारों धाम के शीतकालीन गद्दीस्थलों चमोली जिले में योग-ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर व नृसिंह मंदिर जोशीमठ, रुद्रप्रयाग जिले में ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ और उत्तरकाशी जिले में गंगा मंदिर मुखवा व यमुना मंदिर खरसाली में भी उत्सव मना।
केदारनाथ धाम में भगवान राम को बर्फ की शिला पर विराजमान कर विशेष पूजा की गई। बदरीनाथ धाम में आइटीबीपी जवानों, कर्मचारियों और साधु-संतों ने मंदिर के सिंहद्वार पर दीपक जलाए। राज्य में विभिन्न स्थानों पर एलईडी लगाकर अयोध्या में आयोजित समारोह का सजीव प्रसारण दिखाने की व्यवस्था भी की गई थी।
गढ़मुक्तेश्वर में सवा लाख दीप हुए प्रज्ज्वलित
राजधानी देहरादून के टपकेश्वर महादेव मंदिर से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अयोध्या में आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से जुड़े। श्री टपकेश्वर महादेव मंदिर में 2,100 तो नैनीताल जिले के गढ़मुक्तेश्वर में सवा लाख दीप प्रज्ज्वलित किए गए। हरिद्वार स्थित हरकी पैड़ी और ऋषिकेश में गंगा तट को भी दीयों से रोशन किया गया।
पिथौरागढ़ जिले में सरयू, रामगंगा और गुप्त सरस्वती की त्रिवेणी पर स्थित रामेश्वर धाम में और पाल वंश की राजधानी रही अस्कोट में राम दरबार की भव्य प्रतिष्ठा हुई।
चंपावत के शारदा घाट पर भव्य गंगा आरती हुई। यहां शाम को भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष अमजद हुसैन के नेतृत्व में मुस्लिम समुदाय ने भी 2200 दीप जलाकर उत्साह दिखाया। भगवान बागनाथ की नगरी बागेश्वर में राम रथ यात्रा निकली तो जगह-जगह भव्य स्वागत हुआ।