उत्तराखण्ड

उत्तराखंड में 4 जी व 5 जी के 1200 से अधिक टावर स्थापित होंगे: सीएम धामी

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित बोधिसत्व विचार श्रृंखला उत्तराखण्ड की डिजिटल उड़ान कार्यक्रम को सम्बोधित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश के कामन सर्विस सेंटरों से जुड़े उद्यमियों से संवाद कर उनके विचार भी सुने। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में उनके स्तर पर दी जा रही सेवाओं की जानकारी प्राप्त कर क्षेत्र की समस्याओं का भी जायजा लिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संवाद कार्यक्रम में प्राप्त सुझावों पर ध्यान दिया जायेगा। प्रदेश में 4 जी एवं 5 जी के 1200 से अधिक टावर स्थापित किये जा रहे हैं। इसके लिये मै प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करता हूँ।

उन्होंने कहा कि भारत नेट फेज 2 में प्रदेश के हजारों गांवों को जोड़ा जायेगा। वर्तमान युग टेक्नोलॉजी का युग है और देश व दुनिया में इस नयी टेक्नोलॉजी से बदलाव आया है। जीवन का कोई भी क्षेत्र हो शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, उद्यमिता, मनोरंजन और गवर्नेंस सब तरफ टेक्नोलॉजी का प्रभाव है। आज दुनिया के मध्य दूरियों का कोई विशेष महत्व नहीं रह गया है क्योंकि वर्चुअल डिजिटल माध्यम दुनिया में एक सशक्त माध्यम के रूप में उभरा है जिसने गांव देहात को इस इंटरनेट की दुनिया में विकास के नये मानक और उंचे पायदानों पर स्थापित करने का कार्य किया है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि उत्तराखण्ड, डिजिटल राज्य के रूप में अपनी पहचान बना रहा है| इसको विकास के ऊंचे पायदानों पर चढ़ने के लिए जिस डिजिटल इंजन की आवश्यकता है, यह यही गांवगांव तक फैले हुए इस राज्य के कोनेकोने से जुड़े हुए कामन सर्विस सेन्टर है| जिसके हजारों उद्यमी आज नयी परिभाषाएं गढ़ रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय मोबाइल और इन्टरनेट के अदभुत मिश्ररण से पैदा हुयी क्रांति का है| इस तकनीकि के द्वारा हम तमाम विकास योजनाओं को समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुचाने तथा आदर्श उत्तराखण्ड के लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होगें।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने 1 जुलाई 2014 को डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत की थी। हमारे लिए डिजिटल इंडिया का मतलब है कि देश के हर व्यक्ति को सभी सरकारी व गैर सरकारी सेवाएं उपलब्ध कराना। दुनिया का 40 प्रतिशत डिजिटल ट्रांजेक्शन भारत में हुआ है।

उन्होंने आगे कहा कि अनुकूल औद्योगिक नीति और उदार कर लाभों से उत्पन्न पूंजी निवेश में भारी वृद्धि के कारण उत्तराखंड अब भारत के सबसे तेजी से बढ़ते राज्यों में से एक के रूप में उभर रहा है। इसने राज्य में निवेश करने और पहाड़ी राज्य के निरंतर विकास का हिस्सा बनने के लिए उद्योगों के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं। राज्य का यह समावेशी विकास का लक्ष्य आईटी क्षेत्र के बिना हासिल नहीं किया जा सकता। डिजिटल उत्तराखंड का उद्देश्य राज्य में रोजगार सृजन, स्वास्थ्य, शिक्षा और औद्योगिक विकास में नए आयाम हासिल करना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देशवासियों को उनके घर के आसपास सभी सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हमारी सरकार ने सीएससी स्कीम को प्रोत्साहन दिया और आज उत्तराखंड में करीब 11474 सीएससी हैं। इन सीएससी को ग्रामीण इलाके में उद्यमी चलाते हैं जिसमें बड़ी संख्या में महिला उद्यमी भी शामिल है, जो हमारे लिए बहुत गर्व की बात है। ये सब उद्यमी नई डिजिटल टेक्नॉलोजी के बारे में लोगों को अवगत कराते हैं. डिजिटल सेवाएं लेने में मदद करते हैं और ग्रामीण इलाके में युवाओं को स्किल ट्रेनिंग लेने में सहायता करते हैं।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि डिजिटल पोर्टल ’अपनी सरकार’ के जरिए राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित सभी सेवाओं को ऑनलाइन लाया जा रहा है जिससे सरकारी कार्यों में पारदर्शिता आ रही है, यह न केवल सरकारी सेवाएं ऑनलाइन प्रदान करेगा बल्कि अपनी सरकार पोर्टल पर ई जिला पोर्टल की सभी सेवाएं को भी देगा। हमारी सरकार का प्रयास ये है कि हम हर व्यक्ति को सक्षम बनाएं ताकि वो नई डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग अपने जीवन को सरल और जीविका को सुधारने में कर सके।

सीएम धामी ने कहा कि इसी संदर्भ में हमने पीएमजी दिशा प्रोग्राम की शुरुआत की। हमारा उद्देश्य है कि ग्रामीण इलाकों में रहने वाले हर परिवार के एक सदस्य को डिजिटल लिट्रेसी की ट्रेनिंग दें जिससे वह डिजिटल टेक्नोलॉजी जैसे मोबाइल, इंटरनेट, कम्प्यूटर आदि का उपयोग करना सीख सके।

सीएम ने विश्वास व्यक्त किया कि सीएससी के माध्यम से अधिक से अधिक गांव, देहात व नगरों में युवकयुवतियां जुड़ेंगी तथा सक्षम होकर आदर्श और आर्थिक दृष्टि से सम्पन्न उत्तराखण्ड के निर्माण में सहयोगी बनेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले देश में हताशा व निराशा का वातावरण था। नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश व दुनिया में भारत का मान व सम्मान बढ़ा है। हर क्षेत्र में नेतृत्व करने वाला भारत बना है। प्रधानमंत्री ने 21 वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है। हम इस दिशा में रोड मैप बना कर कार्य कर रहे हैं। राज्य के विकास में जन भागीदारी को बढ़ावा दिया जा रहा है। नीति आयोग से हिमालयी राज्यों के लिये अलग से विकास का मॉडल तैयार करने की अपेक्षा की गई है।

इस अवसर पर प्रदेश भर के जिल सीएससी संचालाकों नेआनलाइन व आफ लाइन अपने विचार व सुझाव रखे| उनमें रानीखेत निवासी नेहा भट्ट, गैरसैंण निवासी पंकज गैडी, देहरादून निवासी विनीत अग्रवाल, चम्पावत निवासी विशाल चन्द्र, चकराता निवासी यशवीर सिंह आदि प्रमुख थे।

कार्यक्रम का संचालन महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत ने किया। विधायक प्रदीप बत्रा एवं निदेशक आईटीडीए अमित सिन्हा सहित बड़ी संख्या में लोग इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

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