मातृभाषा के प्रति सम्मान और जागरूकता के लिए 21 फरवरी को मनाया जाता है ‘अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस’
देहरादून : भाषा हमारे दैनिक जीवन का एक ऐसा महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसके माध्यम से ही हम एक-दूसरे से बात करते हैं और फीलिंग को समझ पाते हैं। सोच कर देखिए अगर भाषा ही नहीं होती तो क्या होता? और वो भी मातृभाषा। क्योंकि हम सब सबसे पहले वो ही भाषा बोलना सीखते हैं जो हमारे परिवार में बोलीं जाती है। अपनी मातृभाषा के प्रति सम्मान और जागरुकता फैलाने क लिए विश्व भर में 21 फरवरी को ‘अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस’ मनाया जाता है।
अंतरराष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस मनाने के विचार को साल 1999 में यूनेस्को के आम सम्मेलन में मंजूरी दी गई थी और यह दिन साल 2000 से दुनिया भर में मनाया जा रहा है। हर साल इस दिन को एक खास थीम के जरिए मनाया जाता है। इस वर्ष का विषय ‘बहुभाषी शिक्षा के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग: चुनौतियां और अवसर’ है और यह बहुभाषी शिक्षा को आगे बढ़ाने में प्रौद्योगिकी की संभावित भूमिका को उजागर करेगा।