उत्तराखण्ड
गणेश गोदियाल ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को लिखा पत्र, पोस्टल बैलेट को रद्द करने की मांग
देहरादून : उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के लिए पोस्टल बैलट पर धांधली का मामला पिछले कुछ दिनों से चल रहा है I जिसके लिए कांग्रेस जमकर विरोध कर रही है I इसी क्रम में कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने इस संबंध में प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में ईटीपीबीएस वाले मतदाताओं को जारी मतपत्रों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए ऐसे मतों को निरस्त करवाए जाने की मांग की है।
पत्र में उन्होंने कहा कि विभिन्न जिला निर्वाचन अधिकारियों की ओर से निर्गत किए गए सर्विस मतदाताओं के पोस्टल बैलेट की सूची में ऐसे नाम मौजूद हैं, जो या तो सेवानिवृत्त हो चुके हैं, या लंबे अवकाश पर हैं अथवा दिवंगत हो चुके हैं। वहीं इसी प्रकार का मामला केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में सामने आया है। जहां पर सर्विस मतदाताओं कोई टीपीबीएस (सेना, अर्धसैनिक बलों का मत) की ओर से जारी किए गए डाक मतपत्रों की कुल संख्या 3187 है। इस सूची का निरीक्षण करने पर प्रथम दृष्टया लगभग 206 सर्विस मतदाता ऐसे पाए गए हैं, जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं अथवा लंबे अवकाश पर चल रहे हैं। लेकिन अवकाश के दौरान वह अपने मतदान स्थल पर ईवीएम के जरिये मतदान भी कर चुके हैं।
वहीं दूसरी तरफ प्रदेश कांग्रेस महासचिव संगठन मथुरादत्त जोशी ने बताया कि कांग्रेस पार्टी की ओर से पूर्व में ही आशंका व्यक्त करते हुए निर्वाचन आयोग से आवश्यक कार्रवाई की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि डाक मतपत्रों के इस प्रमाणित दुरुपयोग से निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता एवं पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया पर बड़ा प्रश्न चिन्ह लगता है। उन्होंने निर्वाचन आयोग से मांग की कि प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में ईटीपीबीएस के प्रकरणों की शीघ्र निष्पक्ष जांच के बाद इन मतों को निरस्त करते हुए निर्वाचन आयोग के नियमों के अंतर्गत कार्रवाई की जाए।
इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने एक अन्य पत्र में मुख्य निर्वाचन अधिकारी को अवगत कराया कि निर्वाचन विभाग के निर्देशों के अनुरूप ईटीपीबीएस (सेना, अर्धसैनिक बलों का मत) के माध्यम से आने वाले डाक मतपत्रों के प्रारूप-13 (क) का अनुप्रमाणन किसी अनुप्रमाणनकर्ता अधिकारी की ओर से किया जाना है। लेकिन अनुप्रमाणनकर्ता अधिकारी के पदाविधान (रैंक, डेजिग्नेशन) के संबंध में स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया है। उन्होंने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मांग की है कि प्रदेश के सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को प्रारूप 13 (क) के अनुप्रमाणनकर्ता अधिकारी के रैंक के संबंध में स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किए जाएं।