उत्तराखण्ड
मुलाकात का समय समाप्त होने के बाद भी, वापस लौट आंदोलनकारी मंच को सुनने आये धामी
-मांगों पर शीघ्र कार्य किए जाने का दिया आश्वाशन
देहरादून: उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच के एक शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाक़ात की। शिष्ठमंडल ने राज्य आंदोलनकारियों के हितों को लेकर मुख्यमंत्री को मांगपत्र भी सौंपा, जिसपर सीएम ने आश्वासन देते हुए शीघ्र कार्य किए जाने की बात कहीI
रविवार को राज्य आंदोलनकारी मंच का शिष्टमंडल सीएम से मुलाकात करने मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचाI परन्तु वह मुलाक़ात के निर्धारित समय के अनुसार कुछ देरी से पहुंचेI जिसके चलते सीएम धामी कार्यालय से निकल ही रहे थे, परन्तु जैसे ही मुख्यमंत्री ने शिष्टमंडल को प्रवेश करते देखा तो वह पुनः लौटे और शिष्टमंडल को पूरा समय दियाI
शिष्टमंडल ने खुलकर मुख्यमंत्री के आगे अपने सभी मुद्दों पर बात रखी, मुख्यमंत्री ने भी पूरी गंभीरता के साथ उनकी बात को सुनने के बाद ठोस आश्वासन दिया कि हम शीघ्र राज्य आंदोलनकारियों, राज्य हितों से लेकर राज्य आंदोलनकारियों की मांगों पर कार्य कर रहे है।
इस दौरान शिष्टमंडल में शामिल राज्य आंदोलनकारी मंच के प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती ने मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा चन्द घण्टे पहले ही वार्ता हेतु बुलाने पर आपत्ति दर्ज की, उन्होंने कहा कि सब लोग इधर उधर अपने कार्यों में व्यस्त रहते हैं , सीएम कार्यालय को इस तरह अचानक बुलाने के बजाय एक दिन पूर्व सूचना देनी चाहिए।
प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी व प्रदेश महासचिव रामलाल खंडूड़ी ने मुख्यमंत्री से अपील की कि भर्ती कलेंडर से पूर्व राज्य आंदोलनकारियों के दस प्रतिशत क्षेतीज आरक्षण की तत्काल व्यवस्था करें चाहे शीघ्र ऑर्डिनेंस जारी करे उसके उपरान्त अन्य ओपचारिकताएं करते रहे साथ ही कई महिला राज्य आंदोलनकारियों की पारिवारिक पेंशन के चलते जिला प्रशासन द्वारा सम्मान पेंशन बन्द करने की कार्यवाही की जा रही है।
प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती व प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेश नेगी ने मुख्यमंत्री को जोर देते हुए अपील की कि वह तत्काल अपनी कैबिनेट में कुछ मंत्रियों को हटाएं और बेहतरीन कार्य प्रणाली वाले जनप्रतिनिधियों को मंत्री बनाए। साथ ही हमारा अपना सख्त भू–कानून के साथ हरियाणा सरकार की भांति 70% स्थानीय मूल निवासियों को निजी क्षेत्र के साथ समूह ग और घ में पूर्व की भांति रोजगार में अवसर दिया जाय।
प्रदीप कुकरेती ने मुख्यमंत्री को विशेष रूप से पिछले शासनादेश का हवाला देते हुए कहा की दिसम्बर 2021 में आपके द्वारा चिन्हीकरण के आदेश के बावजूद किसी प्रदेश के राज्य आंदोलनकारियों को उनके प्रार्थना पत्रों का परिणाम नही मिला उल्ट कई लोग चिन्हीकरण की आस में ही इस दुनिया से चले गए।
शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री से स्पष्ट कहा की जिस हमारे हाथ में 10% का शासनादेश होगा तो देहरादून में राज्य आंदोलनकारी मंच ऐतिहासिक सम्मेलन में आपको सादर आमंत्रित करेगा। अन्त में जगमोहन सिंह नेगी व प्रदीप कुकरेती ने कहा कि गत सप्ताह ऋषिकेश प्रकरण से प्रदेश व सरकार की छवि प्रभावित हुई है।
क्योंकि आप युवा मुख्यमंत्री है और जनता आपसे बेहतर कार्यशैली की अपेक्षा कर रही, इसलिए कुछ अधिकारी और कुछ मंत्रियों पर आपको अंकुश लगाना ही होगा।
शिष्टमंडल में प्रमुख रूप से प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी , प्रदेश महासचिव रामलाल खंडूड़ी , प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेश नेगी , प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुरेती , महिला संयोजक राधा तिवारी व सह संयोजक अरुणा थपलियाल मौजूद रहे।