उत्तराखण्ड

विश्व दिव्यांग दिवस पर मुख्यमंत्री ने किया दिव्यांगजनों को सम्मानित, की चार घोषणाएं

दिव्यांगजनों को राज्य स्तरीय दक्षता पुरस्कार की धनराशि 05 हजार से बढ़ाकर 08 हजार दी जायेगी। कृत्रिम अंग अनुदान की धनराशि 3500 रूपये से बढ़ाकर 7000 रूपये की जायेगी। वृद्धावस्था पेंशन योजना की तरह ही दिव्यांग पेंशन योजना को सरलीकृत किया जायेगा। दिव्यांगजनों को परीक्षाओं में न्यूनतम उत्तीर्ण अंक में 05 प्रतिशत की छूट दी जायेगी। देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर 32 दिव्यांगजनों को सम्मानित किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने दिव्यांगजनों को प्रशस्ति पत्र, मेडल, मान पत्र एवं 5-5 हजार की धनराशि भी प्रदान की। सम्मान समारोह में उत्कृष्ट दिव्यांग कर्मचारी, 11 दक्ष दिव्यांग खिलाड़ी, 10 स्वतः रोजगार में रत दिव्यांगजन एवं 1 सेवायोजक अधिकारी शामिल है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने दिव्यांगजनों के बीच जाकर उनका हौंसला बढ़ाया। शनिवार को सुभाष रोड स्थित लॉर्ड वेंकटेश्वर हॉल में समाज कल्याण विभाग द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय दक्षता पुरस्कार समारोह के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिव्यांगजनों के लिए चार घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि दक्ष दिव्यांग कर्मचारियों, उनके सेवायोजकों, स्वतः रोजगार से रत दिव्यांग व्यक्तियों एवं दिव्यांग व्यक्तियों के सेवायोजक अधिकारियों को राज्य स्तरीय पुरस्कार के रूप में दी जाने वाली धनराशि 5 हजार रूपये से बढ़ाकर 8 हजार रूपये की जायेगी। दिव्यांगजनों को विभिन्न सहायक यंत्र व उपकरण के लिए कृत्रिम अंग अनुदान की धनराशि 3500 रूपये से बढ़ाकर 7000 रूपये की जायेगी। वृद्धावस्था पेंशन योजना की तरह ही दिव्यांग पेंशन योजना को सरलीकृत करते हुए ऐसे समस्त दिव्यांग भी पेंशन के पात्र होंगे, जिनके पुत्र/पौत्र 20 वर्ष से अधिक आयु के हों। दिव्यांगजनों को परीक्षाओं में न्यूनतम उत्तीर्ण अंक में 5 प्रतिशत की छूट दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने राज्य दक्षता पुरस्कार 2022 से सम्मानित होने वाले सभी दक्ष कार्मिकों, सेवायोजकों को शुभकामना दी। उन्होंने बताया कि केन्द्र एवं राज्य सरकार सेवा और सहयोग के भाव के साथ दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए निरन्तर प्रयासरत है। कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए लगातार कार्य हो रहे हैं। हम प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में दिव्यांगजनों को सामाजिक और आर्थिक दोनों क्षेत्रों में समानता का अधिकार दिलाने के लिए निरंतर कार्य हो रहे हैं। उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। हमारे दिव्यांगजन अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति एवं संकल्प के साथ अपने-अपने क्षेत्रों में सराहनीय योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी सकारात्मक सोच एवं दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढे़, तो सब कुछ करना संभव है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने दिव्यांगजनों के कल्याणार्थ वर्ष 2022-23 में 155 करोड़ रूपये का प्राविधान किया है। आर्थिक रूप से कमजोर दिव्यांग भाई-बहनों को 1500 रूपये की मासिक पेंशन दी जा रही है। दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों को प्रतिमाह 700 रूपये का अनुदान भरण पोषण हेतु दिया जा रहा है। सरकारी नौकरियों में भी दिव्यांगजनों के लिए क्षैतिज आरक्षण 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत किया गया है। प्रत्येक जनपद में जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र के माध्यम से दिव्यांगजनों को सभी सरकारी योजनाओं को लाभ दिया जा रहा है। दिव्यांग से विवाह करने पर प्रोत्साहन के रूप में 25000 रूपये की धनराशि भी दी जा रही है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि हमारे दिव्यांगजन सदैव इसी उत्साह और उमंग के साथ राज्य की प्रगति और विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते रहेंगे। इस अवसर पर विधायक खजान दास, मेयर सुनील उनियाल गामा, भाजपा के महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल, प्रमुख सचिव समाज कल्याण एन. फैनई, निदेशक समाज कल्याण बी.एल. फिरमाल, आयुक्त दिव्यांगजन कर्मेन्द्र सिंह, निदेशक जनजाति कल्याण संजय टोलिया एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

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