मुख्यमंत्री धामी ने जेलों की आधुनिकीकरण प्रक्रिया में तेजी लाने के दिए निर्देश
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में जेल विभाग की समीक्षा बैठक की| इस दौरान उन्होंने जेलों की आधुनिकीकरण प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने राज्य की समस्त जेलों में विडियों कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से न्यायालयों के समक्ष कैदियों के पेशी की व्यवस्था के लिए जेलों में वीसी हॉल व तकनीकी विकास की एक कार्ययोजना जल्द से जल्द बनाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में जेल विकास बोर्ड के रिवाल्विंग फण्ड स्थापित करने पर सहमति देते हुए शुरूआती 1 करोड़ रूपये की धनराशि जारी करने के निर्देश दिए है। इस रिवाल्विंग फण्ड की मदद से जहां एक ओर कैदियों में इन्टरप्रिन्योरशिप व स्वरोजगार को प्रोत्साहन मिलेगा दूसरी ओर सरकारी विभागों में उत्पादों की आपूर्ति अधिक से अधिक राज्य के कारागारों से सुनिश्चित करवाने के प्रयास किए जाएंगे।
आईजी कारागार विमला गुंज्याल ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य की 03 जेलों में सीसीटीवी कैमरे लग चुके है| वहीं 07 जेलों में सीसीटीवी लगाने का कार्य चल रहा है। जेलों में 89 बॉडी वॉन कैमरों की भी व्यवस्था की गई है। ई-मुलाकात के तहत कैदियों व उनके परिजनों के लिए वीडियो कॉल की सुविधा उपलब्ध है। ई-प्रिजन के माध्यम से बन्दियों के रिकार्ड डिजिटाइज किए गए है। अभी तक 4868 बंदियों को विडियों कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से न्यायालयों में पेश किया गया है।
जिसके बाद मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य के कारागारों को आदर्श जेलों के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। जेलों में कैदियों में सुधार के साथ ही ट्रैंनिंग के माध्यम से उनमें इन्टरप्रिन्योरशिप विकसित की जानी चाहिए। उन्हें स्वरोजगार की दिशा में प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इस दिशा में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों, अस्पतालों तथा स्कूलों की वर्दी सिलाई का काम कैदियों से करवाया जाएगा। सरकारी विभागों के सामानों की अधिक से अधिक आपूर्ति भी कारागारों से करवाये जाने का प्रयास किया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैदियों के एम्स ऋषिकेश में उपचार के लिए एम्स से एमओयू करने व एक कार्पस फंड की व्यवस्था के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी कैदियों तथा उनके परिजनों के आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए जेलों में कैम्प लगाए जाए। राज्य का कारागर विभाग जल्द ही आदर्श कारागार लखनऊ के तर्ज पर उत्तराखण्ड में अच्छे आचरण वाले कैदियों के कारागर से बाहर आने के बाद उन्हें सेल्यून, प्रेस, बढ़ई, मोटर बाइन्डिंग जैसे कामों पर लगाया जाये| हम इस कार्ययोजना पर कार्य कर रहें है।
इस बैठक में उत्तराखण्ड कारागार विकास बोर्ड के गठन पर भी चर्चा की गई। इसके साथ ही राज्य में कारागार विभाग के मुख्यालय निर्माण के लिए उपयुक्त भूमि आवंटन पर विचार विमास किया गया।
इस बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आईजी रिद्धिम अग्रवाल व पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।