उत्तराखण्ड

चार धाम यात्रा: सीएम धामी ने यात्रा पर निगरानी और नियंत्रण को लेकर दो कैबिनेट मंत्रीयों को सौंपी जिम्मेदारी

-स्वास्थ्य विभाग ने भी की यात्रियों के स्वास्थ्य को लेकर एडवाईजरी जारी

देहरादून: मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर चारधाम यात्रा के दृष्टिगत, तीर्थ यात्रियों के आवागमन को सुगम और सुविधायुक्त बनाये जाने के लिये सभी व्यवस्थाओं पर निगरानी व नियंत्रण के लिये केबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत को केदारनाथ धाम और सुबोध उनियाल को बद्रीनाथ धाम के लिये नामित किया गया है। 

बुधवार को मुख्यमंत्री ने सचिवालय में बैठक में अधिकारियों को चारधाम यात्रा में व्यवस्थाओं को और सुदृढ़ किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि चार धाम यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सुविधाओं को और मजबूत किया जाए। शौचालयों में स्वच्छता सुनिश्चित की जाए। देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा सुगम और सुरक्षित हो। चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु किन-किन बातों का ध्यान रखें, इस बारे में पर्यटन और स्वास्थ्य विभाग विस्तृत गाईडलाईन जारी करें और इसका व्यापक प्रचार प्रसार करें। उत्तराखण्ड में आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक यहां से अच्छा संदेश लेकर जाएं, यह हम सभी का दायित्व है। चारधाम यात्रा के साथ ही अन्य पर्यटन स्थलों पर व्यवस्थाओं की लगातार समीक्षा की जाए। 

इसके अलावा चारधाम यात्रा के लिये मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद उत्तराखण्ड स्वास्थ्य विभाग ने यात्रियों के स्वास्थ्य को लेकर हेल्थ एडवाईजरी जारी की है। स्वास्थ्य विभाग ने एडवाईजरी जारी कर यात्रियों से कहा है कि, चारधाम यात्रा में समस्त तीर्थ स्थल उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित है, जिनकी ऊंचाई समुद्र तल से 2700 मी0 से भी अधिक है। उन स्थानों में यात्रीगण अत्यधिक ठण्ड, कम आद्रता, अत्यधिक अल्ट्रा वॉयलेट रेडिएशन, कम हवा का दबाव और कम ऑक्सीजन की मात्रा से प्रभावित हो सकते हैं। अतः सभी तीर्थ यात्री सुगम एवं सुरक्षित यात्रा के लिए जारी दिशा-निर्देशों का पालन अवश्य करें ।

एडवाईजरी के में श्रद्धालुओं से अनुरोध किया गया है कि स्वास्थ्य परीक्षण के उपरांत ही यात्रा के लिए प्रस्थान करें।पूर्व से बीमार व्यक्ति अपने चिकित्सक का परामर्श पर्चा एवं चिकित्सक का संपर्क नम्बर एवं चिकित्सक द्वारा लिखी गयी दवाईयां अपने साथ रखें।अति वृद्ध एवं बीमार व्यक्तियों एवं पूर्व में कोविड से ग्रसित व्यक्तियों के लिए यात्रा पर न जाना या कुछ समय के लिए स्थगित करना उचित होगा। तीर्थस्थल पर पहुँचने से पूर्व मार्ग में एक दिन का विश्राम करना उचित होगा।

गर्म एवं ऊनी वस्त्र साथ में अवश्य रखें। हृदय रोग, श्वांस रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप से ग्रस्त रोगी ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जाते समय विशेष सावधानी बरतें। लक्षण जैसे- सिर दर्द होना, चक्कर आना, घबराहट का होना, दिल की धड़कन तेज होना, उल्टी आना, हाथ-पांव व होठों का नीला पड़ना, थकान होना, सांस फूलना, खाँसी होना अथवा अन्य लक्षण होने पर तत्काल निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र पहुँचें एवं 104 हैल्पलाईन नम्बर पर सम्पर्क करें। धूम्रपान व अन्य मादक पदार्थों के सेवन से परहेज करें।

सनस्क्रीन एस०पी०एफ0 50 का उपयोग अपनी त्वचा को तेज धूप से बचाने के लिए करें । यू०वी किरणों से अपनी आंखों के बचाव हेतु सन ग्लासेस का उपयोग करें। यात्रा के दौरान पानी पीते रहें और भूखे पेट ना रहें। लम्बी पैदल यात्रा के दौरान बीच-बीच में विश्राम करें। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में व्यायाम से बचें। किसी भी स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी हेतु 104 एवं एम्बुलैंस हेतु 108 हैल्पलाईन नम्बर पर सम्पर्क करें।

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