पीएमजीएसवाई के अधिकारियों के साथ बैठक कर अतिवृष्टि से हुए नुकसान की समीक्षा की करते ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी
*ग्राम्य विकास मंत्री ने मुख्य अभियंता को दिये स्थलीय निरीक्षण के दिये निर्देश*
देहरादून
ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने कैंप कार्यालय में पीएमजीएसवाई के अधिकारियों के साथ विभागीय बैठक तथा सेरकी, मालेवता में अतिवृष्टि से हुए नुकसान की समीक्षा की। इस दौरान ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने पीएमजीएसवाई के अंतर्गत प्रदेशभर बरसात से बंद हुई सड़कों की स्थिति जानी और उन्हें शीघ्रता से खोलने के अधिकारियों को निर्देशित किया गया।
ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने अधिकारियों को कहा कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि सड़क मार्गों को खोलने के कार्य तेजी से किया जाए। मंत्री ने अधिकारियों को पीएमजीएसवाई के अंतर्गत सड़कों, पुलों के निर्माण कार्यों की समयबद्ध तरीके से कार्य करने के अधिकारियों को निर्देश दिये। उन्होंने पीएमजीएसवाई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जनपद स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रदेशभर में लैंडस्लाइड जोन का चिन्हीकरण कर परमानेंट समाधान करने हेतु ठोस नीति बनाने के निर्देश भी दिए। मंत्री गणेश जोशी ने आपदा मद में होने वाले मरम्मत तथा पुनर्निर्माण के कार्यों के लिए शीघ्र बजट का इस्टीमेट बनाने और जल्द शासन में भेजने के अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को बंद पड़ी सड़कों में प्रयोग हुई जेसीबी मशीनों की देनदारी के संबंध में आ रही विसंगतियों को शीघ्र दूर करने के भी निर्देश दिए। मसूरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सेरकी गांव तथा मालदेवता में बरसात से हुए नुक़सान की समीक्षा के दौरान मंत्री ने पीएमजीएसवाई के अधिकारियों को सेरकी गांव, मालदेवता, भितरली और आसपास के संवेदनशील क्षेत्रों में परमानेंट समाधान हेतु एक्शन प्लान तैयार करने और दीर्घकालिक योजना बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए। मंत्री ने पीएमजीएसवाई के मुख्य अभियंता को आगामी मंगलवार को स्थलीय भ्रमण करने के निर्देश दिए।
बैठक में मुख्य कार्यकारी अधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने बताया कि दैवीय आपदा में प्रदेश में आज कुल 90 सड़के बंद है। जिसमे 28 कुमाऊं तथा 62 गढ़वाल क्षेत्र की है। जिनको खोलने के लिए 212 जेसीबी मशीनें लगाई गई है। बंद हुई सड़कों का कार्य तेज गति से किया जा रहा है।
बैठक में उपस्थित रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ ने भी अपने सुझाव दिए। इस दौरान यूआरआरडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कर्मेन्द्र सिंह, मुख्य अभियंता आरपी सिंह, अधीक्षण अभियंता अरुण नेगी, अधिशासी अभियंता संजीव श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।