उत्तराखण्ड

भारी वर्षा से राजधानी में जनजीवन अस्त-व्यस्त

नई दिल्ली। मानसून की पहली वर्षा में राष्ट्रीय राजधानी में विभिन्न एजेंसियों की नाकामी के चलते एक वयक्ति की मौत हो गई। इसी तरह, जलभराव व वर्षा संबंधित विभिन्न घटनाओं में 70 से अधिक लोग घायल हुए, जिन्हें उपचार के लिए विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। वहीं, लुटियंस दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों व सांसदों के साथ सैन्य अधिकारी, केंद्रीय अधिकारी व उद्योगपतियों का बंगले भी जलभराव की जद में आ गए।

उनके घरों में दो से तीन फीट तक पानी जमा हो गया। स्थिति यह कि सपा के वरिष्ठ नेता व सांसद राम गोपाल यादव अपने घर से असाधारण स्थिति में कर्मचारियों की गोद में बैठकर कार तक पहुंचकर संसद तक पहुंचे। ऐसी ही स्थिति कई अन्य सांसदों के साथ उत्पन्न हुई। कुछ दिन पूर्व तक पानी के लिए धरने पर बैठीं दिल्ली की जल मंत्री आतिशी का घर भी वर्षा व सीवर के पानी से लबालब हो गया।

हर ओर जलभराव का कोहराम था। दूतावास, उच्चायोग व राज्यों की भवनों के लोग त्राहिमाम करते दिखे। स्थिति यह कि राहत व बचाव अभियान में एनडीआरएफ को भी उतरना पड़ा। इसके साथ ही संसद के आस-पास की सड़कें तक जलमग्न थी तो संसद के भीतर दिल्ली के जलभराव की चर्चा रही।

राजधानी में विभिन्न एजेंसियों की नाकामी का खामियाजा दिल्ली वालों को झेलना पड़ रहा है। प्रगति मैदान टनल व मिंटो ब्रिज के साथ 10 से अधिक अंडरपासों में पांच से सात फीट तक पानी भर गया, जिससे न सिर्फ यातायात थम गया, बल्कि उसमें 20 से अधिक गाड़ियां डूब गईं।

इसी तरह, विभिन्न मार्गों पर तीन से चार फीट के जलभराव से 100 से अधिक डीटीसी की बसें, ट्रक, कारें व दो पहिया वाहन फंस गए, जिसके चलते जाम की समस्या और भीषण हो गई। कई स्थानों पर पेड़ व गिरे बिजली के खंभों ने यातायात संबंधित परेशानी बढ़ाई। जिसके चलते कइयों की ट्रेनें व हवाई यात्रा छूटी तो कई एंबुलेंस में मरीजों की सांसें अटकी रही।

राजधानी की अधिकतर सड़कों पर दिनभर जाम की स्थिति रही। जीटी करनाल हाई-वे पर तीन से चार किलोमीटर लंबा जाम लगा रहा। विकास मार्ग लक्ष्मी नगर से लुटियंस दिल्ली तक घंटों जाम से थमा रहा। ऐसे में कई लोग पैदल ही आगे का सफर तय करते दिखे। कई जगहों पर सड़कें भी धंस गईं।

वसंत विहार के पास सड़क पर पांच फीट से अधिक का गड्ढा हो गया। इसके साथ ही बिजली का पोल गिरने से दिल्ली के कई इलाकों में घंटों बिजली बाधित रही। बृहस्पतिवार शाम से शुक्रवार शाम तक एमसीडी को 33 स्थानों पर जलभराव तथा 11 स्थानों पर पेड़ गिरने की शिकायतें मिली।

वहीं, पीडब्ल्यूडी के पास जलभराव की 150 से अधिक शिकायतें हुईं। इस दौरान एमसीडी व पीडब्ल्यूडी समेत अन्य एजेंसियों ने सड़क पर उतरकर पंपों के सहारे पानी निकासी की व्यवस्था करते दिखे, जबकि यातायात पुलिस कर्मी जाम खुलवाने के साथ ही बंद पड़े वाहनों को हटवाते नजर आए।

वसंत विहार में एक निर्माणाधीन मकान का हिस्सा बेसमेंट में गिरने से चार मजदूर दब गए। पुलिस, एनडीआरएफ, दमकल सहित अन्य टीमों ने बचाव अभियान चलाया। बेसमेंट में करीब नौ फीट तक पानी भरे होने की वजह से देर शाम तक मजदूरों की स्थिति पता नहीं चल सकी।

उधर, किराड़ी में करंट लगने से एक राहगीर की मौत हो गई। भारी वर्षा से जानवर भी अछूते नहीं रहे। चिड़ियाघर के बाड़े में पानी भरने से वन्य जीव फंस गए। उन्हें बचाने के लिए चिड़ियाघर प्रशाासन का बचाव अभियान देर शाम तक जारी रहा।

कई इलाकों में घरों में घुसा पानी

लुटियंस दिल्ली, सिविल लाइंस, माडल टाउन, किंग्सवे कैंप, दिल्ली विश्वविद्यालय, कमला नगर, लक्ष्मी नगर, निजामुद्दीन, वेस्ट विनोद नगर, तुर्कमान गेट, करोलबाग, राजेंद्र नगर, गुलाबी बाग, अशोक विहार, रोहिणी, द्वारका, मजनूं का टीला, गांधी नगर, किशनगंज, प्रताप विहार समेत अन्य इलाकों में घरों में पानी घुस गया।

निजामुद्दीन नाले की दीवार टूटने से जंगपुरा इलाके के घरों में पानी के साथ मलबा भी आ गया। जलभराव की यह स्थिति दिल्ली की हजारों कालोनियों में कमोबेश एक सी रही, लोग दिन भर जूझते रहे। कुछ इलाकों में वर्षा रुकने के तीन से चार घंटे में पानी निकला तो कुछ जगह शाम तक जलभराव रहा।

बाजार मे जलभराव, करोड़ों की क्षति

दिल्ली के तमाम इलाके कनाट प्लेस, चांदनी चौक, नई सड़क, बल्लीमारान, दरीबा कलां, सदर बाजार, खान मार्केट, कमला नगर, भोगल, निजामुद्दीन समेत अन्य बाजारों की दुकानों में पानी भर गया। नरेला अनाज मंडी में खुले में रखे सैकड़ों क्विंटल अनाज पानी में भीग गए। अनुमान है कि एक दिन की वर्षा व कारोबारी प्रतिष्ठानों में जलभराव से व्यापारियों का 100 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।

विभिन्न एजेंसियों की नाकामी का नतीजा है जलभराव

पिछले साल के जलभराव को दिल्ली सरकार की पीडब्ल्यूडी, दिल्ली जल बोर्ड, एमसीडी व एनडीएमसी द्वारा घोर अनदेखी का खामियाजा शुक्रवार को दिल्ली वालों को भुगतना पड़ा। देर रात से जारी वर्षा ने सीवर, नालों व नालियों की सफाई के सारे कागजी दावे को न सिर्फ बहा दिए, बल्कि नालियों व सीवर का पानी सड़क व फुटपाथ को पार कर घरों व दुकानों में घुस तबाही मचाई।

जबकि दिल्ली यातायात पुलिस के जवान यातायात को सुचारू करने के साथ फंसे वाहनों को किनारे लगाने में मदद करते दिखे। इसी तरह पीडब्ल्यूडी व जल बोर्ड के कर्मी पानी निकासी के जतन करने के साथ पंपसेट को पानी निकालने में लगे रहे।

इन मार्गों पर रहा जाम

विकास मार्ग, आइटीओ, रिंगरोड, राजघाट, मथुरा रोड, एम्स, जंगपुरा, कश्मीरी गेट बस अड्डा, आनन्द विहार, जीटी करनाल हाई-वे, नरेला, सिंघु बार्डर, किराड़ी, मंगोलपुरी, सुल्तानपुरी, मुंडका, बादली, सिरसपुर, लिबासपुर, रोहिणी स्थित केएन काटजू मार्ग, नजफगढ़, हस्तसाल, उत्तम नगर, बदरपुर, महारानी बाग व संत नगर समेत अन्य प्रमुख मार्गों पर जाम की स्थिति रही।

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