उत्तराखण्ड
नारकोटिक्स ड्रग्स तस्करी में अब तक 742 आरोपी गिरफ्तार: सीएम धामी
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मादक पदार्थों की तस्करी व राष्ट्रीय सुरक्षा विषय पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ वर्चुअल बैठक की| इस दौरान सीएम ने प्रदेश में मादक पदार्थों की रोकथाम के लिए राज्य में वर्ष 2022 में त्रिस्तरीय एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स बनाई जाने की जानकारी दी।
सोमवार को हुई बैठक में उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में नारकोटिक्स ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत अब तक 586 मामलों में 742 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। छात्रों को नशे के खिलाफ जागरूक करने के लिए स्कूलों में छठी से बारहवीं कक्षा तक नारकोटिक्स ड्रग्स के विषय पढ़ाए जाएंगे, इसके लिए एनसीईआरटी को प्रस्ताव भेज दिया गया है। 2025 तक उत्तराखंड को ड्रग्स फ्री बनाने का लक्ष्य है, सरकार इस ओर तेजी से बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड में मादक पदार्थों की रोकथाम के लिए राज्य में वर्ष 2022 में त्रिस्तरीय एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स बनाई गई है। मानसिक स्वास्थ्य नियमावली को राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है। नशे की प्रवृत्ति को रोकने, नशाग्रस्त व्यक्तियों को मुख्यधारा से जोड़ने और पुनर्वास के लिए सभी जिलों में नशा मुक्ति केंद्रों को प्रभावी बनाया जा रहा है। राज्य की जेलों में कैदियों को नशे से मुक्त कराने के लिए विशेष रूप से काउंसलिंग व सेमिनार किए जा रहे हैं। सीएम ने शाह के समक्ष 2025 तक ड्रग्स फ्री उत्तराखंड के लक्ष्य को भी साझा किया।
सीएम ने कहा कि लोगों और विशेषकर युवाओं में नशे के खिलाफ जागरूकता बढ़ाई जा रही है। नशा तस्करी से जुड़े अपराधियों के खिलाफ कड़ी करवाई की जा रही है। सभी जिलों में नशा मुक्ति केंद्रों को प्रभावी बनाया जा रहा। राज्य में चार इंटीग्रेटेड रिहैबिलिटेशन सेंटर फॉर एडिक्ट संचालित हैं। एम्स नई दिल्ली की सहायता से राज्य में एडिक्शन ट्रीटमेंट फेसिलिटी का भी संचालन हो रहा है। ऐसे मामलों के लिए एम्स ऋषिकेश में 10 बेड की व्यवस्था की गई है। उत्तरकाशी, चंपावत, अल्मोड़ा और श्रीनगर में भी एटीएफ के संचालन के लिए स्वीकृति प्रदान की गई है।
बैठक में विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपाल, उपराज्यपाल एवं मुख्यमंत्री शामिल हुए।