उत्तराखण्ड

यूसीसी के लिए आवश्यकता पड़ेगी तो विधानसभा का विशेष सत्र भी बुलाया जाएगा: सीएम धामी

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी को लेकर सरकार के रुख को साफ किया। सीएम ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि समान नागरिक संहिता के लिए आवश्यकता पड़ेगी तो विधानसभा का विशेष सत्र भी बुलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि ड्राफ्ट मिलते ही सरकार इसे लागू करने की दिशा में आगे बढ़ेगी। सीएम ने बताया कि विशेषज्ञ समिति ने ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। कमेटी अब उसकी रिपोर्ट का संकलन कर रही है। आशा है कि सरकार को जल्द ड्राफ्ट रिपोर्ट मिल जाएगी।समिति ने पिछले एक साल से अधिक की अवधि में प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर हितधारकों, समाज के विभिन्न वर्गों, धार्मिक संगठनों और प्रबुद्धजनों से संवाद और पत्राचार के माध्यम से 2.30 लाख सुझाव प्राप्त किए हैं। राष्ट्रीय विधि आयोग के स्तर पर यूसीसी को लेकर चल रही कवायद से उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने में कोई देरी तो नहीं होगी, इस प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे ही हमें ड्राफ्ट रिपोर्ट प्राप्त होगी, हम इसे लागू करने की दिशा में बढ़ेंगे। संविधान के अनुच्छेद 44 में यह व्यवस्था है कि राज्य सरकारें यूसीसी लागू कर सकती हैं। प्रदेश की जनता ने 2022 के आम चुनाव में हमें यूसीसी पर जनादेश दिया और हमें दूसरी बार सत्ता में आने का अवसर दिया। इस कारण हम यूसीसी की दिशा में आगे बढ़ पाए। आदिवासियों के रीति-रिवाजों को यूसीसी से बाहर रखे जाने के प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेषज्ञ समिति ने इन सभी पहलुओं पर काम किया है। वह जनजातीय क्षेत्रों में गई और वहां के लोगों से सुझाव लिए। क्या सरकार विधानसभा का विशेष सत्र भी बुला रही है, इस प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि समय के साथ जो जरूरत पड़ेगी, सरकार वह करेगी। यदि विशेष सत्र बुलाने की आवश्यकता होगी, तो सत्र बुलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि ड्राफ्ट रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद सरकार जल्दबाजी नहीं करेगी, लेकिन इसे लागू करने में देरी भी नहीं लगाएगी। रिपोर्ट मिलने के बाद इसका आकलन भी किया जाएगा।

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