भक्ति के सोपान से जानें वाले यात्री की भगवान रक्षा करते हैं आचार्य ममगांई
श्रीमद भागवत कथाः कृष्ण जन्म की कथा सुनकर भावविभोर हुए श्रोता
देहरादून कोलागढ़ में चल रही भागवत कथा सुनने ब़ड़ी संख्या में पहुंच रहे लोग,सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। भागवत कथा श्रवण करने के लिए दूर दूर श्रद्धालु आ रहे हैं और धर्म लाभ अर्जित कर रहे हैं। कथाश्रीमद भागवत कथाः कृष्ण जन्म की कथा सुनकर भावविभोर हुए श्रोताकथा व्यास आचार्य शिव प्रसाद मंमगाई जी द्वारा कथा का वाचन किया जा रहा है। गुरुवार को भगवान श्री कृष्ण जन्म की कथा आचार्य जी के मुखारबिंद से सुनाई गई।भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर प्रकाश डालते हुए कथा व्यास ने कहा कि, जिस समय भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ उस समय देवकी और वासुदेव के हाथों की बेड़ियां अपने आप खुल गई। कारागार में पहरा दे रहे कंस के सिपाही गहरी नींद में सो गए। भगवान श्री कृष्ण को सुरक्षित वासुदेव जी ने नंद के घर गोकुल पहुंचा दिया।भगवान श्रीकृष्ण का जन्म उत्सव मनाया गया। जिसमे भगवान श्री कृष्ण को सूपा में बिठाकर मंदिर के चारो ओर भ्रमण कराया।कथा व्यास आचार्य ममगाईं जी ने कहा कि श्रीमद भागवत सुनने का लाभ भी कई जन्मों के पुण्य से प्राप्त होता है। श्रीमद् भागवत कथा मनुष्य को जीवन जीने और मरने की कला सिखाती है। मनुष्य को जीवन परमात्मा ने दिया है, लेकिन जीवन जीने की कला हमें सत्संग से प्राप्त होती है। सत्संग का मनुष्य के जीवन में बड़ा महत्व है। कथा व्यास ने कथा का वाचन करते हुए कहा कि भगवान भक्तों के वश में हैं। भगवान हमेशा अपने भक्तों का ध्यान रखते हैं। उन्होंने कहा कि जब जब धरती पर पापए अनाचार बढ़ता है, तब.तब भगवान श्रीहरि धरा पर किसी न किसी रूप में अवतार लेकर भक्तों के संकट को हरते हैं। उन्होंने कहा कि जब कंस के पापों का घड़ा भर गया तब भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लेकर कंस का अंत किया और लोगों को पापी राजा से मुक्ति दिलाई। कथा के दौरान कथा व्यास ने अनेक भक्तिपूर्ण भजन प्रस्तुत किए। भजन सुन श्रोता मंत्रमुग्ध हो थिरकने को मजबूर हो गए। इस दौरान कथा व्यास ने कहा कि आज व्यक्ति मोह माया के चक्कर में फंसकर अनीति पूर्ण तरीके से पैसा कमाने में जुटा है। जिसका परिणाम अंतत उसे भोगना पड़ता है। मानव मानव की तरह नहीं जी रहा है। श्रीमद् भागवत जीवन जीने और मरने की कलां सिखाती है। उन्होंने बताया कि कलयुग में दुख के तीन कारण हैं, समय, कर्म और स्वभाव। उन्होंने कहा कि स्वभाव से जो दुखी है वो कभी सुखी नहीं हो सकता। जिस घर में अनीति से धन कमाया जाता है उस परिवार में कभी एकता नहीं रहती। वहां हमेशा बैर बना रहता है। इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष भाजपा किसान मोर्चा संदीप राणा, लक्ष्मी प्रसाद सेमवाल, नवीन जोशी, शरद शर्मा, सीमा पांडे दीपांशु नौटियाल सुषमा पूनम प्रीति नीलम बाल कृष्ण डोभाल व पूनम बहुगुणा स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे।