उत्तराखण्ड

वन भूमि अतिक्रमण: धार्मिक स्थल हों या मकान-दुकान सबका मिटाया जायेगा नामोनिशान

देहरादून: वन विभाग की ओर से अतिक्रमण के खिलाफ की गई कार्रवाई के बाद अतिक्रमणकारियों में हड़कंप मच गया है। वहीं विभाग का भी हौसला बुलंद है। वन मंत्री ने वन भूमि पर अतिक्रमण पाए जाने वाली जगह फिर चाहे व धार्मिक स्थल हों या मकान-दुकान, सबका नामोनिशान मिटाये जाने की बात कही हैं| वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि वन संरक्षण अधिनियम 1980 के बाद जितने भी ऐसे धार्मिक अतिक्रमण हुए हैं, सभी को हटाया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि इसके लिए अधिकारियों को युद्धस्तर पर कार्रवाई शुरू करने के आदेश दिए गए हैं। दो दिन पहले देहरादून वन प्रभाग के तहत वन भूमि पर अतिक्रमण कर बनाई गई 15 मजारों को ध्वस्त कर दिया गया था। वन विभाग के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने कहा कि पूर्व में हाईकोर्ट के निर्देश पर यह कार्रवाई की जा रही है। प्रदेश के तमाम वन प्रभागों से ऐसे अतिक्रमणों का चिन्हीकरण कर कंपाइल सूची तैयार की जा रही है। इसके बाद इसका वर्गीकरण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस सूची में कुछ ऐसे धार्मिक स्थल हैं, जहां कोई न कोई रह रहा है, मतलब वह आबाद हैं। जबकि कुछ ऐसे भी अतिक्रमण हैं, जो किसी ने बनाकर छोड़ दिए हैं। कुछ ऐसे हैं जो 1980 में नोटिफिकेशन से पहले के हैं। इनका वर्गीकरण कर लिया गया है, उन पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है, जो आगे भी जारी रहेगी।

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