उत्तराखण्ड

दो पक्षों के बीच विवाद में घायल हुए विपिन रावत की हुई मौत, परिजनों ने निष्पक्ष जांच न करने का लगाया आरोप

देहरादून: दो पक्षों के बीच हुए विवाद में घायल हुए विपिन रावत ने श्रीमहंत इंद्रेश अस्पताल में आखिरी सांस ली I जिसके बाद रो-रो कर परिजनों का बुरा हाल हो गया I परिजनों ने इस दौरान पुलिस पर भी निष्पक्ष होकर जाँच ना करने का आरोप लगाया I जानकारी के मुताबिक, 23 नवम्बर को देर रात छोटे से विवाद में दो पक्षों का आपसी झगड़ा हो गया था, जिसमें 28 वर्षीय चमोली निवासी विपिन रावत के सिर पर गम्भीर चोटें आई थीं। आज शनिवार की सुबह श्रीमहंत इंद्रेश अस्पताल में घायल विपिन रावत मौत हो गई। जिस पर स्वजनों ने बवाल कर दिया। इस दौरान पुलिस पर आरोप लगाए गए कि पुलिस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं कर रही है और आरोपितों को राहत देने के लिए पुलिस ने हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। परिजनों द्वारा आरोप लगाया गया कि मामले को रफा-दफा करने की पूरी कोशिश की जा रही है। साथ ही स्वजनों से समझौता करने की भी बात की जा रही है। दूसरी ओर इस मामले में लापरवाही बरतने पर चौकी प्रभारी लखीबाग परवीन सैनी को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही इस मामले में आरोपित विनीत अरोड़ा को गिरफ्तार कर लिया है। धरना देने पहुंचे विधायक इस मामले को लेकर चमोली के विधायक राजेंद्र भंडारी के साथ सैकड़ों लोग मौके पर पहुंचे और अस्पताल के गेट पर धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान भंडारी ने पुलिस और कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश में पुलिस लगातार आरोपियों का ही साथ दे रही है, लेकिन पीड़ितों को किसी भी प्रकार से न्याय नहीं मिल रहा है। वहीं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट भी मौके पर पहुंचे और आरोपियों को सख्त सजा देने की बात कही।

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