उत्तराखण्ड

उत्तराखंड स्थापना दिवस : 22वीं वर्षगांठ के मौके पर प्रदेशभर में धूम, सीएम ने किये बड़े ऐलान

देहरादून: आज उत्तराखंड की 22वीं वर्षगाठ है I राज्य स्थापना दिवस हर्ष और उल्लास के साथ मनाने के लिए दून तैयार दिखा। विधानसभा, राजभवन, मुख्यमंत्री आवास, सचिवालय व तमाम शासकीय कार्यालयों को प्रकाशमय किया गया है। इसके साथ ही राज्य स्थापना दिवस पर बुधवार को कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसके चलते राज्यपाल जनरल गुरमीत सिंह पुलिस लाइन पहुंचे। राज्यपाल गुरमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने परेड का निरीक्षण किया। सारे जहां से अच्छा… की धुन पर परेड कमांडर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर ने परेड की अगुवाई की। परेड में पीएसी महिला व पुरूष का दल, आइआरबी, बम निरोधक दस्ता, पुलिस संचार, मॉर्डन कंट्रोल रूम, नभ नेत्र, डॉग स्कायड, फायर ब्रिगेड, सीपीयू व ड्रोन ने हिस्सा लिया। इस दौरान राज्‍यपाल ने पुलिस अधिकारियों को भी सम्‍मानित किया। मुख्यमंत्री धामी ने प्रदेशवासियों को राज्य स्थापना दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के विजन के तहत 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा। हम उत्‍तराखंड को 2025 तक देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाएंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड आंदोलन के इतिहास को पाठ्य पुस्तकों में शामिल किये जाने की घोषणा की I वहीं उत्तराखंड में जल्द 19000 पदों पर भर्ती होने का भी ऐलान किया। इन वरिष्ठ अधिकारियों को किया सम्मानित इस दौरान राज्‍यपाल ने पुलिस अधिकारियों को भी सम्‍मानित किया। जिनमें पीवीके प्रसाद (एडीजी), ददनपाल (40वीं बटालियन पीएसी), करन सिंह नगन्याल (डीआईजी) गढ़वाल रेंज, दिलीप सिंह कुंवर (एसएसपी देहरादून), सुखबीर सिंह (सेनानायक पीएसी), मुकेश कुमार (एसपी), धीरेंद्र गुंज्याल (एसपी विसिलेंस), दिनेश चंद्र जोशी (एसपी दूरसंचार पीएचक्यू), दया किशन (एफएसओ) और कुंवर सिंह (लीडिंग फायरमैन) को सम्मानित किया गया I इन्हें मिला उत्तराखंड गौरव सम्मान कार्यक्रम में  में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, देश के पहले चीफ आफ डिफेंस स्टाफ रहे जनरल स्व. बिपिन रावत, केंद्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी, प्रसिद्ध गीतकार स्व. गिरीश चंद्र तिवारी गिर्दा और साहित्यकार स्व. वीरेन डंगवाल को उत्तराखंड गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। पुरस्कार में एक लाख रुपये की सम्मान राशि, प्रशस्ति पत्र व प्रतीक चिह्न प्रदान किया गया।

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