उत्तराखण्ड

सरकार की सबसे पहली प्राथमिकता उम्मीदवारों के हित को सुरक्षित रखना है: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

देहरादून: पेपर लीक मामला उजागर होने और उसे लेकर उठे सवालों के बाद आयोग के अध्यक्ष एस राजू ने इस्तीफा दे दिया था।जिसके बाद उन्होंने शासन को एक पत्र भेजा था, जिसमे लिखा था कि जब तक सरकार परीक्षा नियंत्रक की तैनाती नहीं करेगी, आयोग की प्रस्तावित परीक्षाएं नहीं होंगी। इस मामले में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार की सबसे पहली प्राथमिकता उम्मीदवारों के हित को सुरक्षित रखना है। हम परीक्षाएं कराने के लिए व्यवस्थाएं बनाएंगे और अन्य आयोगों का सहयोग लेने पर भी विचार कर रहे हैं।

धामी ने कहा कि उम्मीदवारों का अहित नहीं होने देंगे, भर्ती परीक्षाएं कराएंगे। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की प्रस्तावित परीक्षाएं कराने के लिए दूसरे आयोग का सहयोग लिया जा सकता है, उन्होंने लोक सेवा आयोग का नाम लिए बगैर कहा कि इस विकल्प पर सरकार विचार कर रही है।

पेपर लीक मामले में मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे कोई कितना भी बड़ा हो, यदि मामले में दोषी पाया गया तो छोड़ा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में बेहद सख्त है और इसकी तह तक पहुंचेगी। इस मामले में नए खुलासे सामने आ रहे हैं। आज भी कुछ और जानकारियां सामने आई है। उन्हें पूरी उम्मीद है कि मामले के दोषियों को गिरफ्त में ले लिया जाएगा।

अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष एस राजू के त्यागपत्र के बाद प्रस्तावित परीक्षाओं के अधर में लटक जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के लिए उम्मीदवारों का हित सर्वोपरि है। इस मामले में सरकार जो भी उचित होगा, वह करेगी। माना जा रहा है कि प्रदेश सरकार अधीनस्थ चयन आयोग में बने हालातों के मद्देनजर लोक सेवा आयोग या अन्य किसी आयोग के सहयोग से परीक्षाएं आयोजित कर सकती है।

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