पर्वतीय सांस्कृतिक संरक्षण समिति द्वारा होली मिलन आयोजित किया गया
देहरादून =होली का त्योहार हमारे देश का एक प्रमुख त्योहार है। अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरह से इस पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। ऐसे ही होली के त्यौहार को उत्तराखंड राज्य के कुमाऊं क्षेत्र में कुमाऊं होली के नाम से जाना जाता है। यह त्यौहार कुमाऊं क्षेत्र के लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण है और उसका काफी ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व भी है। पहाड़ों के क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए यह काफी महत्वपूर्ण पर्व है क्योंकि इस दिन सर्दियों का अंत व बुवाई के मौसम की शुरुआत भी मानी जाती है। यह त्यौहार बसंत पंचमी के दिन शुरू होता है। कुमाऊ होली के तीन प्रकार हैं खड़ी होली बैठ की होली व महिला होली। इस होली के अंतर्गत सिर्फ अबीर गुलाल का टीका ही नहीं होता बल्कि बैठकी होली एवं खड़ी होली में गायन होता है| जिसके अंतर्गत लोकगीत गाने की भी शास्त्रीय परंपरा है। बसंत पंचमी के दिन घर-घर जाकर होली के गीत गाए जाते
, लेकिन अभी से शहरवासी होली के रंग में रंगने लगे हैं। रविवार को शहर में कई संगठनों ने आयोजन किए, उनमें होली के गीतों पर अबीर और गुलाल उड़ा तो व फूलों की होली से माहौल भक्तिमय हो गया। राधा कृष्ण की झांकियों ने सभी का मन मोहा।