साहित्य

कविता :- सुख के  पल याद आते हैं

  • सुख के पल याद आते हैं

जीवन के सुंदर उपवन में,
सुख के पुष्प खिला करते हैं ।
सुख की महिमा बतलाने को,
कांटे भी संग में रहते हैं।

कांटे न हों कैसे जाने ,
सुख का आंनद क्या होता है ।
दोस्त नहीं तो कैसे जाने,
दुश्मन का दशं क्या होता है ।

सुख और दुख दोनों मिलकर,
जीना हमें सिखाते हैं।
शांत भाव श्रम विवेक से,
कष्ट भगा हम पाते हैं।

लेकिन सुख की चाहत में,
हम सब कुछ पाना चाहते हैं।
कम आवश्यकता में ही हम,
मन को खुश रख पाते है ।

सामर्थ्य से ज्यादा चाहत से ,
मन विषाद मय रहता है ।
सदा सरल सादा जीवन में ,
मन आनंदित रहता है ।

सेवा स्नेह प्यार के पल,
सदा याद रह जाते हैं ।
अंत समय ये ही मीठे पल,
स्मृतिपटल पर आते हैं।

  • सुधीर वीर, वडोदरा, 22.02.2022

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button