उत्तराखण्ड

हैदराबाद में आयोजित तीन दिवसीय 6वें अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज सम्मेलन का शुभारंभ करते उत्तराखण्ड के कृषि मंत्री गणेश जोशी

कृषि मंत्री बोले – मिलेट के क्षेत्र में उत्तराखण्ड सरकार कर रही है ऐतिहासिक कार्य*

*देश में उत्पादित होने वाले मिलेट में उत्तराखण्ड का मिलेट सर्वश्रेष्ठ: कृषि मंत्री गणेश जोशी*

*संगोष्ठी में विचारों के अमृत मंथन से जो निष्कर्ष निकलेगा किसान भाईयों की आय दोगुनी करने की दिशा में वरदान साबित – गणेश जोशी।*

हैदराबाद (तेलंगाना)।

प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने हैदराबाद में 17 से 19 अक्टूबर तक आयोजित 6वें अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज सम्मेलन 2024 में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। सम्मलेन में केरल के कृषि मंत्री पी0 प्रसाद ने बतौर विशिष्ट अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने दीप प्रज्ज्वलित कर सम्मलेन का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने सम्मलेन में लगाई गई मिलेट्स प्रदर्शनी का रिबन काटकर उद्घाटन किया और स्टालों का अवलोकन किया। उन्होंने मिलेट्स के पोषक तत्वों और भविष्य के लिए मोटे अनाजों को मुख्यधारा में लाने की प्रतिबद्धता पर आधारित पुस्तक का भी विमोचन किया। इस दौरान मावी न्यूट्रीशिनल और आईआईएमआर के बीच एमओयू में भी हस्ताक्षर हुआ।

सुबे के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए आयोजन के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा आज इस संगोष्ठी में विचारों के अमृत मंथन से जो निष्कर्ष निकलेगा निश्चित ही किसान भाईयों के लिए वरदान साबित होने के साथ ही उनकी आजीविका संवर्धन के लिए एक सार्थक प्रयास होगा। उन्होंने कहा कि आज विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन में किसानों के कल्याण और किसान भाइयों की आय दोगुनी करने के लिए अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं बनाई गई हैं। उन्होंने कहा कि तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के हित में पहली फाइल पीएम किसान निधि पर हस्ताक्षर किये। यह इस बात का प्रमाण है, कि प्रधानमंत्री किसानों की कितनी चिंता करते है। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री जहां सीमा पर खड़े जवान की चिंता करते हैं, वहीं किसान की भी चिंता करते है।

कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री के पद चिन्हों पर प्रदेश में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में कृषकों के अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की गई है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों एवं कृषि जलवायु समस्त प्रकार की फसलों के उत्पादन हेतु अत्यधिक अनुकूल है। भारत सरकार के प्रयास से वर्ष 2023-24 को अन्तराष्ट्रीय मिलेट वर्ष के रूप में मनाये जाने के क्रम में प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2023-24 से वर्ष 2027-28 तक स्टेट मिलेट मिशन का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अन्य फसलों के बीज हेतु सरकार 50 प्रतिशत सब्सिडी देती है, परन्तु मिलेट्स के उत्पादन को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार मिलेट्स की फसलों के बीज पर 80 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान कर रही है। जैविक खेती के अन्तर्गत अधिक से अधिक क्षेत्रफल आच्छादित करने हेतु भारत सरकार के सहयोग से राज्य में परम्परागत कृषि विकास योजना तथा नमामि गंगे योजना का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा जैविक क्लस्टरों में उत्पादित जैविक उत्पादों के विपणन हेतु प्रमुख पर्यटक एवं धार्मिक स्थलों पर 304 जैविक आउटलेट स्थापित किये जा चुके है। राज्य के 25 उत्पादों को जियोग्राफिकल इन्डीकेशन टैग प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा किसानों के कल्याण और उनकी आजीविका संवर्धन के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।

सम्मेलन में केरल के कृषि मंत्री पी0 प्रसाद, आईसीएआर से डॉ0 बी0 दयाकर राव, चेयरमैन सीएसीपी प्रो0 वीपी शर्मा, डॉ. अशोक दलवई, डॉ. संगवपा, संजय अग्रवाल, उत्तराखण्ड से कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक दिनेश कुमार एवं जैविक उत्पाद परिषद के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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