उत्तराखण्ड

हरीश रावत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कैलाश क्षेत्र में पार्वती कुंड के पास ध्यान लगाने को लेकर तीन दिन बाद अपने ही अंदाज में टिप्पणी की

देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदि कैलाश क्षेत्र में पार्वती कुंड के पास ध्यान लगाने को लेकर तीन दिन बाद अपने ही अंदाज में टिप्पणी की। उन्होंने मुख्यमंत्री के इस कदम को सराहा, साथ में कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को निशाने पर लिया।

इंटरनेट मीडिया पर अपनी पोस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अनुसरण करते हुए पार्वती कुंड के पास ध्यान लगाया। निश्चय ही उनके इस कार्य से आदि कैलाश परंपरागत यात्रा को बढ़ावा मिला है, लेकिन इस ध्यान में प्रायश्चित का भी समावेश होना चाहिए।

उत्तराखंड की गौरव अंतरराष्ट्रीय तीर्थयात्रा कैलाश मानसरोवर इसी भू-भाग से होकर गुजरती थी। उन्होंने यह प्रयास किया था कि यूनेस्को यात्रा की प्राचीनता देखते हुए उसे मान्यता प्रदान करे, लेकिन मोदी सरकार ने हमसे हमारा गौरव कैलाश मानसरोवर यात्रा छीन ली। इससे तकलाकोट, सांगरू क्षेत्र से चीन के साथ हमारा व्यापार भी प्रभावित हुआ।

चौदास-ब्यास की रंग संस्कृति को अभूतपूर्व बताते हुए उन्होंने स्थानीय निवासियों को सावधान किया कि जहां-जहां भाजपा की नजर पड़ी है, वहां-वहां जमीन बिकी हैं।

उन्होंने क्षेत्रीय विधायक हरीश धामी और उनके सहयोगियों से कहा कि वे भी ध्यान लगाकर मुख्यमंत्री को कैलाश मानसरोवर की खो चुकी यात्रा के लिए ध्यान लगाने को बाध्य करें। राज्य सरकार ने इसे पूरी तरह विस्मृत कर दिया है। ये यात्रा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सौगात थी। यात्रा के पहले जत्थे के साथ कैलाश मानसरोवर की परिक्रमा करने का साैभाग्य उन्हें और डॉ सुब्रमण्यम स्वामी को प्राप्त हुआ था।

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