उत्तराखण्ड

सुबे के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने रुद्रप्रयाग जनपद में उद्यान विभाग द्वारा वर्ष 2020 में काश्तकारों को वितरित किए गए कागजी नींबू के पौधों में जंगली जामीर फल आने के मामले में सख्त रुख अपनाया है

 

देहरादून

सुबे के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने रुद्रप्रयाग जनपद में उद्यान विभाग द्वारा वर्ष 2020 में काश्तकारों को वितरित किए गए कागजी नींबू के पौधों में जंगली जामीर फल आने के मामले में सख्त रुख अपनाया है। इस प्रकरण की जिलाधिकारी जांच रिपोर्ट के आधार पर उन्होंने दो अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इस बाबत कृषि मंत्री द्वारा विगत दिनों पत्रकार वार्ता में भी अधिकारियों को आरोप पत्र दिये जाने की बात कही गयी थी।

कृषि मंत्री जोशी ने विगत दिनों हुई प्रेस वार्ता के दौरान बताया था कि इस घोर लापरवाही के लिए अपर निदेशक (तत्कालीन संयुक्त निदेशक) डा0 आरके सिंह एवं तत्समय के जिला उद्यान अधिकारी (सेवानिवृत्त) योगेंद्र सिंह चौधरी को जिम्मेदार ठहराया गया है। जांच में मैसर्स संजीवनी पौधशाला के चयन और पौधों के सत्यापन में अनियमितताएं पाई गईं, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा और सरकार की छवि भी धूमिल हुई। कृषि मंत्री के निर्देशों के बाद कृषि सचिव डा0 एसएन पाण्डे द्वारा अपर निदेशक (तत्कालीन संयुक्त निदेशक) को आरोप पत्र अधिरोपित कर दिया गया है। जबकि सेवानिवृत डीएचओ के प्रकरण में पत्रावली को कार्मिक विभाग के नियमों के आलोक में राज्यपाल की सहमति के उपरान्त आरोप पत्र जारी किया जाएगा। शासन द्वारा उद्यान महानिदेशक को निर्देशित करते हुए उक्त नर्सरी के विरुद्ध नर्सरी एक्ट में आवश्यक कार्यवाही के भी निर्देश दिए हैं।

कृषि मंत्री ने बताया कि उत्तराखंड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 2003 (संशोधित 2010) के तहत 15 दिनों के भीतर आरोप पत्र का जवाब देने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसानों के हितों से कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई होगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button