उत्तराखण्ड

विश्व पर्यावरण दिवस (05 – 07 जून 2025) के अवसर पर अतुल्य गंगा द्वारा गंगोत्री से हर्षिल तक प्लास्टिक उन्मूलन कार्यक्रम का आयोजन

‘हर काम देश के नाम’

 

*विश्व पर्यावरण दिवस (05 – 07 जून 2025) के अवसर पर अतुल्य गंगा द्वारा गंगोत्री से हर्षिल तक प्लास्टिक उन्मूलन कार्यक्रम का आयोजन*

 

देहरादून

 

2025 के विश्व पर्यावरण दिवस की थीम “वैश्विक प्लास्टिक प्रदूषण का अंत” के अनुरूप, भारतीय सेना के पूर्व सैनिकों द्वारा संचालित पहल अतुल्य गंगा ट्रस्ट (AGT) द्वारा 5 जून से 7 जून 2025 तक गंगोत्री से हर्षिल तक व्यापक प्लास्टिक उन्मूलन कारसेवा का आयोजन किया जा रहा है।

 

2019 में स्थापित अतुल्य गंगा ट्रस्ट का उद्देश्य गंगा नदी के सतत पुनर्जीवन को सुनिश्चित करना है। इसके प्रमुख कार्यक्षेत्रों में वनीकरण, प्रदूषण मानचित्रण (माइक्रोप्लास्टिक की पहचान), और जन-जागरूकता अभियान शामिल हैं। ट्रस्ट का मुख्य ध्येय है गंगा में निर्मलता और अविरलता को पुनर्स्थापित करना, साथ ही नागरिकों और नीति-निर्माताओं के बीच पर्यावरणीय उत्तरदायित्व की भावना को बढ़ावा देना।

 

जहां एक ओर भारत की सशस्त्र सेनाएं सीमाओं की रक्षा करती हैं, वहीं अतुल्य गंगा के पूर्व सैनिक पर्यावरण संरक्षण के माध्यम से राष्ट्र सेवा को जारी रखे हुए हैं। इस वर्ष की कारसेवा एक पांच दिवसीय अभियान है, जिसका उद्देश्य गंगोत्री से हर्षिल तक के पारिस्थितिकीय रूप से संवेदनशील क्षेत्र से प्लास्टिक अवशिष्ट को हटाना है।

 

यह अभियान उत्तराखंड प्रशासन के सहयोग से संचालित किया जा रहा है, जिसमें सीमा सड़क संगठन (BRO), स्थानीय सैन्य इकाइयों और नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (NIM) का सहयोग प्राप्त हो रहा है। बिसलेरी कंपनी इस पहल में कॉर्पोरेट समर्थन दे रही है।

 

अभियान की रूपरेखा और गतिविधियाँ:-

 

2 जून 2025 : लखनऊ से लेफ्टिनेंट जनरल अनिन्द्या सेनगुप्ता, पीवीएसएम, यूवाईएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, सेंट्रल कमांड द्वारा अभियान का औपचारिक उद्घाटन किया जाएगा।

 

3 जून 2025 : सभी स्वयंसेवक उत्तरकाशी में एकत्रित होंगे।

 

4 जून 2025, दोपहर 3:00 बजे : उत्तरकाशी के जिलाधिकारी श्री मेहरबान सिंह बिष्ट एवं BRO कमांडेंट द्वारा नेहरू पर्वतारोहण संस्थान में अभियान का विधिवत झंडी दिखाकर शुभारंभ किया जाएगा।

 

5–7 जून 2025 : प्रतिदिन गंगोत्री से हर्षिल तक प्लास्टिक कचरा एकत्रित किया जाएगा। एकत्रित कचरे को शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) को पर्यावरणीय रूप से अनुकूल निपटान के लिए सौंपा जाएगा।

 

अभियान के दौरान, अतुल्य गंगा के स्वयंसेवक जागरूकता पोस्टर लगाएंगे, जिनके माध्यम से तीर्थयात्रियों से गंगा में प्लास्टिक कचरा न डालने की अपील की जाएगी। साथ ही ट्रस्ट निम्नलिखित बिंदुओं के लिए भी प्रचार-प्रसार करेगा:

• सड़क किनारे भोजनालयों और मंदिरों के पास कूड़ेदान की संख्या बढ़ाई जाए,

• ULBs द्वारा नियमित रूप से कचरा संग्रहण सुनिश्चित किया जाए,

• गैर-अनुपालन पर जुर्माने का प्रावधान कर सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना को प्रोत्साहित किया जाए,

• कचरा प्रबंधन में तकनीकी नवाचार को बढ़ावा दिया जाए।

IIT रोपड़ और दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (DTU) के साथ मिलकर AGT औद्योगिक वैक्यूम क्लीनर और पोर्टेबल इनसिनरेटर के माध्यम से प्लास्टिक कचरा निपटान की यांत्रिक विधियों की संभावनाएं तलाश रहा है। उपयुक्त मॉडल विकसित होने के बाद इसे लागू किया जाएगा।

 

प्रमुख प्रतिभागी:-

• जिला गंगा समिति के सदस्य

• चिन्मय आश्रम और अन्य पर्यावरणीय गैर-सरकारी संगठन

• पूर्व सैनिक, अग्निवीर उम्मीदवार और समाज के प्रतिष्ठित सदस्य

• उत्तरकाशी एवं अन्य क्षेत्रों से आए स्वयंसेवक और हितधारक

 

यह पहल आने वाली पीढ़ियों के लिए भारत की सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण प्राकृतिक संपदा — गंगा नदी — के संरक्षण के प्रति अतुल्य गंगा की प्रतिबद्धता को दोहराती है।

 

 

 

 

 

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