उत्तराखण्ड

महिला एडवोकेट ने पत्रकारिता की आड़ में चल रहे गोरख धंधे का किया खुलासा!

दिनांक 1 नवंबर 2023 को एडवोकेट अनुराधा मैंदोला ने कचहरी परिसर स्थित शहीद स्मारक में पत्रकारिता की आड़ में चल रहे गोरख धंधे के खिलाफ एक प्रेस वार्ता की। अपनी बात की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा कि दिनांक 12 अक्टूबर 2023 को एसएसपी देहरादून अजय सिंह के हवाले से एक खबर अमर उजाला, दैनिक जागरण, हिंदुस्तान समाचार,अखबारों में छपी थी जिसमें तीन पत्रकारों समेत चार लोगों पर थाना कोतवाली में आईपीसी की 120 बी, 354D,384, 420 467 471, 506 जैसी गंभीर धाराओं में एडवोकेट अनुराधा की शिकायत पर मुकदमा दर्ज होना बताया गया था । इसके अलावा तमाम पोर्टल्स और सोशल मीडिया पर भी यह खबरें चर्चा का विषय थी।
इन चार आरोपियों में विकास गर्ग जो कि एक संध्या दैनिक और न्यूज़ एक्सप्रेस 18 का मालिक और कई संस्थाओं व यूनियन का स्वयम्भू राष्ट्रीय अध्यक्ष व महामंत्री तथा स्वयम्भू वरिष्ठ भाजपा नेता होने के साथ ही साथ राज्य स्तर का मान्यता प्राप्त पत्रकार है जिसके बारे में कहा जा रहा है कि वह पहले लोडर चलाया करता था और लगभग 15 साल पहले सूचना का अधिकार अधिनियम का दुरुपयोग कर तमाम अधिकारियों को ब्लैकमेल करके पत्रकार बन गया मुख्य आरोपी है। इसके अलावा सुनीता लोधी जिसे पत्रकारिता का “प” भी नहीं मालूम और जो एक घरेलू महिला है एक पाक्षिक अखबार और यूके सहारा न्यूज़ पोर्टल की मालिक है, रितीन गोयल जो की कानपुर में कंस्ट्रक्शन कंपनी में ठेकेदार है और हरिद्वार आज तक पाक्षिक अखबार का मालिक होने के अलावा मुख्य आरोपी विकास गर्ग का जीजा है और तीसरा मनीष जैन जिसकी हनुमान चौक स्थित सब्जी मंडी पर जैन चाट भंडार के नाम से चाट की दुकान है, जिसकी शैक्षिक योग्यता 6ठी पास है वो प्रधान एक्सप्रेस के नाम से न्यूज़ पोर्टल चलता है और रिश्ते में विकास गर्ग का मौसेरा भाई है सह अभियुक्त हैं के विरुद्ध तथ्यों और दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर दिनांक 10.10.23 को थाना कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत किया गया। गौरतलब है कि इनके अखबारों और पोर्टल्स को नियमित रूप से सरकारी विज्ञापन मिला करते हैं तथा इन सबको विकास गर्ग द्वारा संपादक बनकर संचालित किया जाता है।

महिला अधिवक्ता ने कहा कि यह बहुत ही शर्मनाक बात है कि आज वो लोग मान्यता प्राप्त पत्रकार बने हुए हैं जिनकी शैक्षणिक योग्यता और अनुभव शून्य है, उनके न बैकग्राउंड का पता है और न ही उन्हें कोई अनुभव ही है। पत्रकारिता की आड़ में कुछ लोग गिरोह बनाकर रंगदारी वसूलने से लेकर ब्लैकमेलिंग और भूमाफ़ियागिरी करने में लगे हुए हैं। यह उन पत्रकारों के मुंह पर तमाचा है जो ईमानदारी से पत्रकारिता कर रहे हैं और अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा उन्होंने पत्रकारिता करते करते गुजार दिया है। वो अच्छे वक्ता हैं, अच्छे लेखक हैं,अच्छे फील्डवर्कर है और अपने अपने क्षेत्र में अनुभवी होने के साथ साथ एक्सपर्ट भी हैं फिर भी न तो उन्हें मान्यता मिल पाती है और न ही पत्रकार होने के नाते कोई सुविधा। इसके विपरीत ऐसे लोग राज्य स्तर से लेकर जिला स्तर की मान्यता लेकर पत्रकार बने बैठे हैं जिन्हें पत्रकारिता का कखग तक नहीं आता। तिकड़मबाजी और जालसाजी के दम पर फर्जी पत्रकार यूनियन और पत्रकार संस्था बनाकर स्वयं को पत्रकारिता का मठाधीश समझने वाले धूर्त, कपटी, धोखेबाज लोग सूचना निदेशालय से अनुचित लाभ प्राप्त कर उन पत्रकारों के हक़ पर डाका डाल रहे हैं जो न सिर्फ काबिल है बल्कि फील्ड में जाकर तमाम चुनौतियों का सामना कर पत्रकारिता करते है और आर्थिक तंगी से जूझने के बाद भी पत्रकारिता जैसे संघर्षशील पेशे को अपनाए हुए हैं। अपनी बातों के साक्ष्य में एडवोकेट अनुराधा ने सूचना का अधिकार से प्राप्त साक्ष्य दिखाते हुए तथाकथित पत्रकार विकास गर्ग और उसके गैंग द्वारा सूचना विभाग के साथ धोखाधड़ी व जालसाजी की कई वारदातों का खुलासा किया गया जो कि इस प्रकार हैं –
1. विकास गर्ग ने वर्ष 2021व 2022 यानी 2 बार वक़्फ़ बोर्ड की संपत्ति 30, अंसारी मार्ग का फर्जी किरायानामा बनाकर उस किराएनमे को सूचीबद्ध प्रक्रिया में अपलोड किया और अपना पोर्टल न्यूज़ एक्सप्रेस 18 को क श्रेणी में दो बार सूचीबद्ध करवाया और लाखों के सरकारी विज्ञापन सूचना विभाग को धोखा देकर प्राप्त किये । फर्जी किराएनामे में वक़्फ़ बोर्ड की संपत्ति का मालिक सुनीता लोधी और किरायेदार विकास गर्ग को दर्शाया गया है, जिसमें बतौर गवाह रितीन गोयल के हस्ताक्षर हैं। सुनीता लोधी के पोर्टल यूके सहारा डॉट कॉम का पता महिला अधिवक्ता के घर का दिया हुआ है जिसकी अनुमति महिला अधिवक्ता से नहीं ली गई।

2. विकास गर्ग ने राष्ट्रीय पत्रकार यूनियन उत्तराखंड के नाम से एक फर्जी पत्रकार यूनियन बनाई है ।यूनियन में विकास गर्ग प्रदेश अध्यक्ष, रितीन गोयल प्रवक्ता और सुनीता लोधी सदस्य है। इस यूनियन को बने 5 साल हो गए परन्तु इसका बैंक खाता तक नहीं है। इस यूनियन की वर्ष 2021 की एक बैठक में दीपक लोधी जोकि विकास गर्ग के साथ सहअभियुक्त और यूनियन की सदस्य सुनीता लोधी का पति था को उपस्थित दिखाकर उसके फर्जी हस्ताक्षर किए गए जबकि उसकी मृत्यु वर्ष 2019 में हो चुकी है। सूचना निदेशालय को अंधेरे में रख विकास गर्ग ने धोखे से यूनियन के नाम पर इनोवा टैक्सी बुक करवाई, यूनियन के लेटर हेड पर डिजिटल इक्विपमेंट खरीद कर बिल लिए, यूनियन के कार्यक्रम करवाने के नाम पर सूचना निदेशालय से बैग व पत्रकारों के भोजन की व्यवस्था करवाई, साथ ही 5 साल पहले बनी यूनियन के 16वें वार्षिक अधिवेशन के लिए छपने वाली पत्रिका के लिए 20 लाख रुपए का विज्ञापन भी सूचना निदेशालय से मांगा गया।

3. सिटी प्रेस क्लब जिसका प्रदेश महामंत्री विकास गर्ग है और जिसकी वैधता 2021 में समाप्त हो गई थी और उसका नवीनीकरण आज दिनांक तक नहीं हुआ के वार्षिक कार्यक्रम जो कि 22 जनवरी 2023 को टाउन हॉल नगर निगम में होना बताया गया के नाम पर विकास गर्ग द्वारा जालसाजी कर 250 जूट लेपटॉप बैग और 250 पत्रकारों के भोजन की व्यवस्था सूचना विभाग से करवा ली गई। आदतन ठग विकास गर्ग ने व्यवस्था तो पत्रकार संगठन के कार्यक्रम के नाम पर की परन्तु कार्यक्रम गैर पत्रकार संस्था नरेंद्र मोदी सेना सभा का किया जो कि 22 जनवरी को नगर निगम के टाउन हॉल में सम्पन्न हुआ।
4. विकास गर्ग स्वयं को नरेंद्र मोदी सेना सभा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बताता है और अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए विकास ने संस्था के लैटर हेड पर प्रधानमंत्री का फोटो प्रिंट करवाया हुआ है। विकास गर्ग ने अपनी फ़ेसबुक व सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इस संस्था को भाजपा व प्रधानमंत्री से लिंक करके स्वयं को वरिष्ठ भाजपा नेता तथा राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेंद्र मोदी सेना सभा लिखता है जबकि भाजपा की ओर से यह स्पष्ट किया जा चुका है कि इस नाम से भाजपा का कोई विंग नहीं है और न ही विकास गर्ग भाजपा का प्राथमिक सदस्य ही है। संस्था के लैटर हेड पर राष्ट्रीय कार्यालय का पता महिला एडवोकेट के घर के पते को लिखा गया है जिसकी अनुमति भी उनसे विकास गर्ग ने नहीं ली है।

5. महिला अधिवक्ता के मकान का प्रथम तल सुनीता लोधी ने विकास गर्ग के साथ कब्जाया हुआ है, जिसकी बेदखली का मुकदमा महिला एडवोकेट ने सिविल कोर्ट में किया हुआ है। एडवोकेट पर दबाव डालने और 5 लाख रुपये की रंगदारी वसूलने के लिए विकास गर्ग ने एडवोकेट के मकान नम्बर को अपने निवास , यूनियन के कार्यालय, संस्था के कार्यालय के पते के रूप में लिखना शुरु कर दिया जबकि इससे पहले वह 85, तिलक रोड, देहरादून जो कि रितीन गोयल के घर का एड्रेस है को पते के रुप मे लिखता था। विकास गर्ग, सुनीता लोधी और मनीष जैन ने महिला अधिवक्ता का घर खाली करने की एवज में 5 लाख रुपये की रंगदारी की मांग की और रंगदारी न देने की सूरत में महिला अधिवक्ता के घर पर कब्जा कर लेने की धमकियां भी दी। महिला अधिवक्ता के विरोध करने पर “पहाड़ी कुतिया” जैसे अभद्र शब्दों से अधिवक्ता को संबोधित किया गया। महिला अधिवक्ता द्वारा जब सीएम पोर्टल, जिलाधिकारी स्तर पर शिकायत की गई तो उनके घर के पॉवर पॉइंट्स को टारगेट करके मकान में शार्ट सर्किट कर महिला अधिवक्ता और उसके बच्चों को जान से मारने की कोशिश की गई।

6. महिला अधिवक्ता को ब्लैकमेल कर 5 लाख रुपये की रंगदारी वसूलने और अपने फर्जीवाड़ों को छिपाने की नियत से विकास गर्ग ने सुनीता लोधी के साथ षड्यंत्र रचकर महिला अधिवक्ता की झूठी शिकायत एसएसपी देहरादून से की जिसमें अधिवक्ता पर शत्रु संपत्ति को फर्जी तरीके से खरीदने का आरोप लगाया गया। मामले की जांच होने पर अधिवक्ता का संपत्ति खरीदना सही पाया गया और जांच भी अधिवक्ता के पक्ष मे आई, जिसके बाद विकास गर्ग द्वारा महिला अधिवक्ता को बदनाम करना शुरू कर दिया गया। विकास गर्ग और सुनीता ने उनके चरित्र पर उंगली उठाई, उनकी लॉ की डिग्री को फर्जी बताया और उनकी पीठ पीछे उनके बच्चों की डांटना और धमकाना शुरू कर दिया। विकास, सुनीता, रितीन और मनीष महिला अधिवक्ता के घर पर कैमरे लगाकर उन पर और उनके घर मे आने-जाने वाले लोगों पर नज़र रखते हैं और महिला अधिवक्ता का पीछा भी करते हैं।

8. विकास गर्ग और सुनीता लोधी के तमाम हथकंडों के आगे महिला अधिवक्ता ने न हार मानी और न ही घुटने टेके वो लगभग एक साल से सूचना के अधिकर के द्वारा साक्ष्य इकट्ठे करती रही। पर्याप्त साक्ष्य एकत्रित होने के बाद अनुराध मैंदोला ने सीओ सिटी कार्यालय में एक शिकायत की। प्राथमिक जांच में अधिवक्ता के लगाए गए आरोप सही पाए गए और मुकदमा दर्ज होने की संस्तुति हुई, जिससे बौखलाकर विकास गर्ग ने तत्कालीन एसएसपी से कहकर जांच अधिकारी बदलवा दिया और जांच धारा चौकी पहुंची। इसी बीच नए एसएसपी अजय सिंह ट्रांसफर होकर देहरादून आ गए। महिला अधिवक्ता द्वारा जब इस संबंध में उन्हें अवगत करवाया गया और साक्ष्य दिखाए गए तो उन्होंने मामले की गम्भीरता को देख महिला अधिवक्ता को आश्र्वासन दिया कि वह उनके और उनके बच्चों के साथ कुछ गलत नहीं होने देंगे और मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिये।

9 गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज होने के बाद भी विकास गर्ग और सुनीता लोधी द्वारा जांच को प्रभावित किया जा रहा है। मुकदमे के गवाहों को धमकाया जा रहा है, उनकी झूठी पुलिस शिकायत की जा रही है। विवेचक को अपने पत्रकार साथियों से धमकियां दिलवाई जा रही है कि यदि वो मामले को रफा दफा नहीं करते तो अच्छा नहीं होगा। उनके बच्चों और परिवार को भी नुकसान पहुंचाया जाएगा। महिला अधिवक्ता को बेवजह झगड़ो के लिए उकसाया जा रहा है और जांच को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है।

10. विकास गर्ग गैंग बनाकर पत्रकारिता की आड़ में लोगो के घर, संपत्तियां और मंदिर की जमीन हड़पने का काम कर रहा है, ब्लैकमेलिंग करना, रंगदारी वसूलना और फर्जी दस्तावेज तैयार कर सरकारी विभाग को धोखा देकर सरकारी धन की लूट करना विकास गर्ग के लिए आम बात है। विकास गर्ग और उसका गैंग उन सभी पत्रकारों के अपराधी हैं जो मेहनत और संघर्ष करके पत्रकारिता कर रहे है और उन्हें न तो विज्ञापन मिल पाते हैं और न ही कोई सहायता ही मिलती है। बरसों से पत्रकारिता कर रहे पत्रकारों को राज्य स्तर तो क्या जिला स्तर की मान्यता भी नहीं मिल पाती और जिनके पास न अनुभव है, न शैक्षणिक योग्यता है और जो पत्रकारिता का क ख ग भी नहीं जानते, वो सूचना विभाग की आस्तीन का सबसे सांप बनकर सूचना विभाग को ही डस रहे हैं। उन्होंने सूचना विभाग से भी अनुरोध किया कि वह इस तथाकथित पत्रकार को आज तक किए गए सभी विज्ञापनों का भुगतान की वसूली, ब्याज समेत करे ।

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