उत्तराखण्ड

मस्जिद पक्ष ने कहा, एक साथ वादों को सुनने का आदेश विधि विरुद्ध

 मथुरा। श्रीकृष्ण जन्मस्थान से जुड़े सभी मामले एक साथ सुने जाने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के विरुद्ध शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। शुक्रवार को एक अपील दायर कर उसने हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है।

उसका कहना है कि हाई कोर्ट ने विधि विरुद्ध आदेश दिया है। उच्च न्यायालय ने 23 अक्टूबर को आदेश जारी कर कहा था कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले से जुड़े सभी 15 वादों की एक साथ सुनवाई होगी। शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी सभी की अलग-अलग सुनवाई की मांग कर रही है।

कमेटी का तर्क है कि पहले भी स्थानीय न्यायालय में सभी वादों की अलग-अलग सुनवाई हुई है। सभी मुकदमों के वादी अलग हैं। उनके अलग वाद हैं और उन सभी की प्रार्थनाएं अलग हैं। उन्होंने वाद में सुविधा भी अलग मांगी हैं। ऐसे में उन्हें एक साथ कैसे सुना जा सकता है।

कमेटी के सचिव तनवीर अहमद ने बताया कि हाई कोर्ट के आदेश के विरुद्ध शुक्रवार को कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है। इसमें हाई कोर्ट के आदेश को विधि विरुद्ध और अपरिपक्व बताया है। सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि सभी वादों की अलग-अलग सुनवाई करने का आदेश हाई कोर्ट को दें।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले को धार देगा अखाड़ा परिषद

मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद धार देगा। अखाड़ा परिषद का मामना है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर सनातन धर्मावलंबियों का अधिकार है। इसको लेकर अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरि ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में चल रही कानूनी लड़ाई में हिंदू पक्ष का सहयोग करने की घोषणा की है।

परिषद की अगली बैठक में इसको लेकर प्रस्ताव पारित किया जाएगा। प्रस्ताव में भविष्य में चलने वाली मुहिम की रूपरेखा तय की जाएगी। महाकुंभ में संत सम्मेलन करवाकर सबके समक्ष प्रस्ताव को रखा जाएगा। इसके बाद श्रद्धालुओं और संतों के बीच चर्चा छेड़ी जाएगी। महाकुंभ के बाद अखाड़ों से जुड़े संत, महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर प्रवचन, धार्मिक गोष्ठियों, वैचारिक गोष्ठियों व चर्चा के जरिए देशभर में सनातन धर्मावलंबियों के बीच माहौल बनाएंगे।

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि की भांति श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर राष्ट्रव्यापी मुहिम शुरू करने की तैयारी चल रही है। इसमें अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद सक्रिय भूमिका निभाएगा। वर्ष 2017 व 2018 में अखाड़ा परिषद की बैठक में इसको लेकर प्रस्ताव पारित किया जा चुका है।

तत्कालीन अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने महामंत्री महंत हरि गिरि को श्रीकृष्ण जन्मभूमि से जुड़े अभिलेख एकत्र करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। उस दिशा में कुछ काम शुरू किया गया, लेकिन महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु के बाद मामला धीमा पड़ गया था। अब उसे नए सिरे से शुरू करने की तैयारी चल रही है।

आमजन के समक्ष रखेंगे तथ्य

हरि गिरि अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरि का कहना है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि से जुड़े अभिलेख तथा वहां हुए निर्माण हिंदुओं के पक्ष में हैं। इससे कोई इन्कार नहीं कर सकता। सारे तथ्यों को लोगों के सामने रखा जाएगा। बताया जाएगा कि क्या सही है और क्या गलत है? इसके जरिये संत आमजन में आराध्य भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि के प्रति समर्पित भाव की जागृति लाई जाएगी। साथ ही कानूनी लड़ाई में सहयोग किया जाएगा।

ऐसे चलेगी मुहिम

  • अखाड़ों से जुड़े संत देशभर में श्रीमद्भागवत, श्रीरामचरितमानस, देवी पुराण आदि प्रवचनों के दौरान श्रीराम जन्मभूमि में मंदिर निर्माण को लेकर हुए आंदोलन का उल्लेख करेंगे।
  • प्रवचन के दौरान श्रीकृष्ण जन्मभूमि की मौजूदा स्तुति का उल्लेख किया जाएगा।
  • सनातन धर्मावलंबियों को श्रीकृष्ण जन्मभूमि का दर्शन करने को प्रेरित किया जाएगा।
  • धार्मिक गोष्ठियों व परिचर्चा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को बताया जाएगा।
  • धार्मिक व सामाजिक संगठनों को मुहिम से जोड़कर अधिक से अधिक लोगों तक बात पहुंचाई जाएगी।
  • इंटरनेट मीडिया में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद से जुड़े तथ्यों को डाला जाएगा, जिससे आमजन उसे समझ सके।

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