उत्तराखण्ड

दिल्ली गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर ट्रैफिक का दबाव कम करने के लिए एलिवेटेड बनाने की मांग

दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे  पर ट्रैफिक का दबाव कम करने के लिए इसे एलिवेटेड बनाने की मांग उठी है। गुरुग्राम के चारों नवनिर्वाचित विधायकों ने इस मुद्दे को अपनी प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर रखा है। वे केंद्र सरकार से मांग करेंगे कि एक्सप्रेस-वे को गुरुग्राम-सोहना हाईवे की तरह एलिवेटेड बनाया जाए। इससे लोकल ट्रैफिक का दबाव एक्सप्रेस-वे के ऊपर नहीं रहेगा।
दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर ट्रैफिक का दबाव न दिखे इसके लिए जिले के चारों नवनिर्वाचित विधायक मिलकर काम करेंगे। उन्होंने अपनी प्राथमिकताओं में इस विषय को सबसे ऊपर रखा है। वे केंद्र सरकार से मांग करेंगे कि एक्सप्रेस-वे को गुरुग्राम-सोहना हाईवे की तरह एलिवेटेड बनाया जाए। धौलाकुआं से लेकर खेड़कीदौला तक अधिक से अधिक पांच से छह एक्जिट व एंट्री ही रहे।

इससे लोकल ट्रैफिक का दबाव एक्सप्रेस-वे के ऊपर नहीं रहेगा। केंद्रीय भूतल सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी इसके ऊपर काम करने की इच्छा जता चुके हैं। इससे उम्मीद है कि नवनिर्वाचित विधायकों का प्रयास तेजी से रंग लाएगा। पिछले कुछ सालों से आर्थिक नगरी के रूप में पहचान बनाने वाले गुरुग्राम का विकास प्रभावित हो रहा है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण दिल्ली-गुरुग्राम के बीच ट्रैफिक का भारी दबाव है

पीक आवर के दौरान यानी सुबह आठ बजे से 11 बजे एवं शाम चार बजे से रात नौ बजे के दौरान ही नहीं बल्कि 24 घंटे दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर ट्रैफिक का दबाव रहता है। इससे दिल्ली-गुरुग्राम के बीच कारोबार प्रभावित हो रहा है। आने-जाने से पहले दस बार सोचना पड़ता है। विधानसभा चुनाव में लोगों ने प्रत्याशियों के सामने इस विषय को प्रमुखता से उठाया था।

सत्ता व विपक्ष दोनों तरफ के प्रत्याशियों ने भी लोगों को भरोसा दिलाया था वे इसके ऊपर काम करेंगे। चुनाव जीतने के साथ ही चारों नवनिर्वाचित विधायकों गुड़गांव से मुकेश शर्मा, बादशाहपुर से राव नरबीर सिंह, सोहना से तेजपाल तंवर एवं पटौदी से बिमला चौधरी ने संकल्प व्यक्त किया है कि दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे को एलिवेटेड कराने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।

प्रदेश सरकार की ओर से भी केंद्र सरकार को आग्रह किया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर वे लोग केंद्रीय भूतल सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक से मुलाकात करेंगे। दैनिक जागरण से बातचीत में उन्होंने कहा कि एलिवेटेड करने से लोकल ट्रैफिक का दबाव नहीं एक्सप्रेस-वे पर नहीं दिखाई देगा। धौलाकुआं से गुरुग्राम के बीच एक्सप्रेस-वे पर अधिक से पांच से छह एग्जिट व एंट्री प्वाइंट ही होना चाहिए।

नवनिर्वाचित विधायक जलभराव से निजात दिलाने के लिए नालों की चौड़ाई बढ़ाने पर जोर देंगे। साथ ही सभी पार्कों में रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम विकसित कराने पर जोर देंगे।

मानसून से पहले नालों की सफाई बेहतर तरीके से हो, इसके लिए जिम्मेदारी तय की जाएगी। सड़कों में कहीं भी गड्ढे न दिखाई दे, इसके लिए ऐसी टीमें तैयार कराई जाएंगी जो रात में निर्माण सामग्री के साथ राउंड लगाएंगी। जहां भी गड्ढा दिखाई देगा, उसे टीम भर देगी।

प्रदूषण की समस्या को दूर करने के लिए मेट्रो का विस्तार कराने पर जोर देंगे। उनका मानना है कि मेट्रो के विस्तार से सड़कों पर से वाहनों का दबाव कम होगा। वाहनों का दबाव कम होने से प्रदूषण का स्तर कम होगा।

पुराने गुरुग्राम ही नहीं बल्कि मानेसर एवं सोहना तक मेट्रो का विस्तार कराया जाएगा। जिले में चार अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस नागरिक अस्पताल बनवाने पर जोर दिया जाएगा, जिससे प्राइवेट अस्पतालों में आम लोगों को न जाना पड़े। साइबर सिटी की अधिकतर सड़कों को एलिवेटेड कराने पर जोर दिया जाएगा।

जिले के चारों सीटों गुड़गांव, बादशाहपुर, सोहना एवं पटौदी पर वर्ष 2014 के बाद दूसरी बार एक साथ कमल खिला है। गुड़गांव से मुकेश शर्मा, बादशाहपुर से पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह, सोहना से पूर्व विधायक तेजपाल तंवर एवं पटौदी से पूर्व विधायक बिमला चौधरी विजयी हुई हैं। विपक्ष द्वारा स्थानीय समस्याएं बढ़-चढ़कर उठाने के बाद भी जनता ने भाजपा पर भरोसा जताया है। इससे नवनिर्वाचित विधायकों के सामने बेहतर करने की चुनौती है।

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