मार्कफैड के एम.डी. ने निर्विघ्न खरीद कार्यों को सुनिश्चित बनाने के लिए सम्बन्धित डिप्टी कमिश्नरों के साथ लुधियाना, मोगा और फिऱोज़पुर की मंडियों का किया दौरा
पंजाब
मार्कफैड के एम.डी. ने निर्विघ्न खरीद कार्यों को सुनिश्चित बनाने के लिए सम्बन्धित डिप्टी कमिश्नरों के साथ लुधियाना, मोगा और फिऱोज़पुर की मंडियों का किया दौरा
चंडीगढ़………..किसानों के प्रति फ़सल की निर्विघ्न खरीद की प्रतिबद्धता को सुनिश्चित बनाने के मद्देनजऱ गिरिश दयालन, एम.डी. मार्कफैड ने लुधियाना, मोगा और फिऱोज़पुर जिलों की अलग-अलग मंडियों का दौरा किया।
उन्होंने लुधियाना में डिप्टी कमिश्नर, लुधियाना श्रीमती साक्षी साहनी के साथ जगराओं सब-डिविजऩ की मंडियों का साझा दौरा किया। इस दौरान पाया गया कि जि़ला प्रशासन द्वारा निर्विघ्न खरीद प्रक्रिया को सुनिश्चित बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। बकाया अदायगी के मुकाबले की गई समूची अदायगी 120 फीसदी है- इस तरह यह यकीनी बनाया गया है कि किसानों को कोई दिक्कत या परेशानी न हो और अदायगियाँ 48 घंटो के नियमों से पहले ही की जा रही हैं।
एजेंसियों को हिदायतें जारी की गई हैं कि वह 24 घंटों में खरीद प्रक्रिया को सुनिश्चित बनाएं और 48 घंटों से पहले ही भुगतान करना जारी रखें।
डिप्टी कमिश्नर मोगा स. कुलवंत सिंह के साथ साझे दौरे के दौरान यह पाया गया कि खरीद प्रक्रिया का कार्य पूरे ज़ोरों पर है, परन्तु बारदाने की कुछ अतिरिक्त ज़रूरत होगी, जो कि एफ.सी.आई. द्वारा उपलब्ध करवाया जाएगा।
मंडियों से लिफ्टिंग की प्रगति को 72 घंटो के नियम से पहले ही करने की माँग की गई, जिससे थोड़े समय में अधिक आमद के लिए जगह की उपलब्धता को सुनिश्चित बनाया जा सके, क्योंकि इस साल फ़सलीय चक्र संकुचित हो गया है।
फिऱोज़पुर में राजेश धीमान, डिप्टी कमिश्नर, फिऱोज़पुर के साथ दौरे के मौके पर यह भी पाया कि लिफ्टिंग की रफ़्तार अच्छी है, परन्तु फिर भी अधिक आमद के मद्देनजऱ और अधिक प्रबंधों के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।
इस मौके पर समूह एजेंसियों के स्टाफ को हिदायतें जारी की गईं हैं कि मंडियों को गन्दगी से मुक्त रखने के लिए लिफ्टिंग को पहल के आधार पर सुनिश्चित बनाया जाए और नयी आई गेहूँ के लिए जगह उपलब्ध करवाई जाए।
यह भी देखा गया कि फ़सल की गुणवत्ता बहुत बढिय़ा थी और किसानों द्वारा लाई जा रही उपज 12 फीसद नमी के मापदंड के अनुसार थी। सभी मंडियों में बिना किसी देरी से फ़सल खरीद की जा रही थी और जिसकी सफ़ाई करके और तेज़ी से बोरियों में भराई की जा रही थी।